भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और मुंबई की टीम के कप्तान रहे दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सम्मान के तौर पर एक स्टैंड मिला है। वानखेड़े स्टेडियम में अब वेंगसरकर के नाम पर भी एक स्टैंड होगा। इस स्टेडियम में पहले से ही सुनील गावस्कर, विजय मर्चेंट और सचिन तेंदुलकर के नाम से पवेलियन बने हुए हैं। इस सम्मान को पाकर वेंगसरकार ने कहा है कि उनको गर्व महसूस हो रहा है।
मंगलवार को हुई मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन यानी एमसीए की एपेक्स काउंसिल की मीटिंग में इस पर फैसला किया गया है कि आइकॉनिक स्टेडियम वानखेड़े का नोर्थ स्टैंड दिलीप वेंगसरकर के नाम पर होगा। इस पर वेंगसरकर ने कहा है, “यह एक बहुत ही भावनात्मक पल और एक महान सम्मान है। वानखेड़े स्टेडियम मेरा घरेलू मैदान रहा है और एमसीए मेरा घरेलू संघ है, इसलिए यह इसे विशेष बनाता है। मैं एपेक्स काउंसिल को धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे एमसीए प्रशासक होने पर मेरे समर्थन के लिए मेरे भारत और मुंबई के सहयोगियों और सभी एमसीए संबद्ध क्लबों के प्रतिनिधियों को भी धन्यवाद।”
116 टेस्ट और 129 एकदिवसीय मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके दिलीप वेंगसरकर ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर लगातार तीन शतक लगाए थे। भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता वेंगसरकर ने वानखेड़े स्टेडियम में भी तमाम दमदार पारियां खेली हैं। वेंगसरकर ने वानखेड़े में 17 टेस्ट पारियों में 631 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और इतने ही अर्धशतक शामिल हैं।
उन्होंने कहा है, “मैंने अपना पहला मैच वानखेड़े स्टेडियम में उस समय खेला था, जब यह 1974 में बनाया गया था। यह सीके नायडू ट्रॉफी का मैच था और मैंने इसमें शतक बनाया था। मैंने यहां कुछ inter-collegiate मैच भी खेले हैं। मध्य प्रदेश के खिलाफ (1991-92 में) मेरा उच्चतम रणजी ट्रॉफी स्कोर 284 भी वानखेड़े में आया था। वानखेड़े में वेस्ट इंडीज (1983) और ऑस्ट्रेलिया (1986) के खिलाफ टेस्ट शतक भी मेरे दिल के करीब हैं। इसलिए, वानखेड़े स्टेडियम के एक स्टैंड पर मेरा नाम देखना बहुत भावुक करने वाला है।”