नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आ गए हैं। यहां लगातार तीसरी बार बीजेपी की विंग एबीवीपी का डंका बजा है। बीजेपी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उपाध्यक्ष, सचिव जैसे अहम पदों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई को महज संयुक्त सचिव के पद पर ही संतोष करना पड़ा है। हालांकि एनएसयूआई को यह सीट दो साल बाद वापस मिली है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी की जीत
यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए अमित तंवर ने 16,547 वोट हासिल किए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एनएसयूआई के निखिल यादव को महज 4500 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए प्रियंका चावड़ी ने 15,592 वोट हासिल कर 2000 वोटों से जीत दर्ज की।
जनरल सेक्रेटरी पद पर अंकित सांगवान ने 15,518 वोटों के साथ लगभग 2000 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। आपको बता दें कि यह तीनों उम्मीदवार एबीवीपी के हैं। वहीं एनएसयूआई के मोहित ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर एबीवीपी के विसाल यादव को हराकर जीत हासिल की।
आपको बता दें कि जेएनयू में घटी नौ फरवरी की घटना की छाया में जेएनयू के चुनाव पर इस बार विशेष रूप से नजर है। उस घटना में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे और जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था। कन्हैया कुमार का संगठन इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहा है।
जेएनयू में सेंट्रल पैनल के लिए कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं जहां मतदाताओं की संख्या करीब 8600 है। जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त इशिता माना ने कहा कि 18 उम्मीदवार सेंट्रल पैनल के लिए मैदान में हैं जबकि 79 उम्मीदवार यूनिवर्सिटी के विभिन्न केंद्रों में काउंसलर पदों के लिए मैदान में हैं। सीपीआई से जुड़ा एआईएसएफ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा है। कन्हैया कुमार इसी के सदस्य हैं।