उत्तराखंड में खासकर पर्वतीय जिलों में बारिश ने कहर बरपाया है। बारिश के बाद मलबा आने से 111 सड़कें बंद हो गई हैं। वहीं, ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को तीन दिन बाद भी नहीं खोला जा सका है।
बरसात में सड़कें बंद होने से स्थानीय ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग न खुल पाने से तीर्थ यात्री भी फंसे हुए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रुद्रप्रयाग जिले में आठ ग्रामीण सड़कें बंद हैं।
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तरकाशी में 9 ग्रामीण सड़कें, चमोली में 21, पिथौरागढ़ में तीन, अल्मोड़ा में एक राज्यमार्ग और तीन ग्रामीण सड़कें, बागेश्वर में 12, चंपावत में चार, पौड़ी गढ़वाल में 25, नैनीताल में एक, देहरादून में एक राज्य मार्ग और 9 ग्रामीण मार्ग, टिहरी में 13 ग्रामीण सड़कें मलबा आने से बंद हैं।
बीते शनिवार को सिलाई बैंड के समीप बादल फटने के कारण जगह-जगह मार्ग बंद होने के कारण स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी तक करीब 850 से अधिक यात्री फंस गए थे। मंगलवार को पैदल आवाजाही शुरू होने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम ने वहां से यात्रियों को सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया है।
मंगलवार शाम तक करीब 600 से 700 यात्रियों को सुरक्षित वाहनों से बड़कोट भेज दिया गया है। वहीं अब प्रशासन के अनुसार करीब 150 से 200 यात्रियों के सुरक्षित स्थानों पर होने की उम्मीद है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसांई ने बताया कि पैदल मार्ग खुलने के बाद यात्रियों को भूस्खलन वाले क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
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