ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं के एक दावे से संतों की चढ़ गईं त्यौरियां,पढ़े पूरी खबर

ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं के एक दावे से संतों की त्यौरियां चढ़ीं तो सरकार को भी सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। सरकार ने साफ किया कि शाही स्नान के स्थान और तिथियों में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। महापौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुंभ में देवप्रयाग और ऋषिकेश में भी पर्व शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने दावा किया अपर मेलाधिकारी ने इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया है और स्नान की तिथि भी घोषित कर दी गई है।

शनिवार को ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं ने नगर निगम सभागार में पत्रकारों से यह जानकारी साझा की। कहा कि वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले में ऋषिकेश और देवप्रयाग में भी दो पर्व शाही स्नान होंगे। इसके तहत देवप्रयाग में मकर संक्रांति और ऋषिकेश में वसंत पंचमी का स्नान आयोजित किया जाएगा। कहा कि उन्होंने और अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इसकी मांग की थी। महापौर ने कहा कि अपर मेला अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने इस आशय का पत्र जारी कर सभी विभागों के प्रमुखों को कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।  जैसे ही यह समाचार हरिद्वार में संतों को मिला तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी को इस मामले में परिवर्तन का अधिकार नहीं है।

अपर मेला अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि ऋषिकेश की महापौर  को मेला अधिष्ठान ने इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी। बताया कि मेयर  ने मुख्यमंत्री को एक अनुरोध पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने कुंभ अवधि में ऋषिकेश और देवप्रयाग में स्नान कराने की मांग की थी। बताया कि नगर आयुक्त ऋषिकेश को इस पत्र के आधार पर आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रतीत हो रहा है कि महापौर ने इसका गलत आशय ले लिया।

मेयर को जानकारी का अभाव : कौशिक

ऋषिकेश की महापौर के बयान के बाद संतों के आक्रोश को देखते हुए सरकार सक्रिय हुई। सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि ‘महापौर का बयान उनकी जानकारी का अभाव है, शाही स्नान का स्थान, तिथि और संख्या में परिवर्तन का अधिकार न तो सरकार के पास है और न ही मेला अधिष्ठान के पास।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यक्रम में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।  उन्होंने कहा कि 14 जनवरी और 16 फरवरी-2021 को कोई शाही स्नान है ही नहीं, इसलिए उनकी बात का कोई मतलब ही नहीं।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरि (अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद) का कहना है कि शाही स्नान की संख्या और स्थान में न तो कोई परिवर्तन किया गया और न ही किसी को इसमें परिवर्तन करने का अधिकार दिया गया है। कुंभ में केवल चार शाही स्नान होंगे और सभी हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ही संपन्न होंगे।

तन्मय वशिष्ठ (महामंत्री, श्रीगंगा सभा) का कहना है कि शाही स्नान हरकी पैड़ी पर ही होना तय किया जा चुका है। इसमें किसी तरह का परिवर्तन को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

अनीता ममगाईं (महापौर, नगर निगम ऋषिकेश) का कहना है कि अपर मेला अधिकारी का पत्र हमें मिला। इसका विषय ‘ऋषिकेश में कुंभ में पर्व शाही स्नान को लेकर’ लिखा गया है। पत्र में सभी विभागों को व्यवस्थाएं करने को कहा गया है। स्नान को लेकर गंगा सभा, अखाड़े और सरकार केस्तर पर जो भी तय होता है, हम उस व्यवस्था से बाहर नहीं है। हमारी मंशा सिर्फ यही है कि कुंभ मेले में हरिद्वार की तर्ज पर ऋषिकेश क्षेत्र में भी अधिक से अधिक विकास कार्य हों। जिसमें त्रिवेणी घाट का विकास हरकी पैड़ी की तर्ज पर किया जाना प्रमुख है।’

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