टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने चार विकेट झटककर ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 338 रन पर समेटने में मदद करने के बाद कहा कि पिच से कोई टर्न नहीं मिल रहा था तो प्लान गेंदों की रफ्तार में बदलाव करने और ‘एंगल्स’ में गेंदबाजी करने का था.
जडेजा ने 18 ओवर में 62 रन देकर चार विकेट चटकाए और साथ ही शतकवीर स्टीव स्मिथ को भी शानदार सीधे थ्रो से रन-आउट किया. जडेजा ने दूसरे दिन की अपनी योजना के बारे में बात करते हुए कहा, ‘विचार दबाव बनाने का था, क्योंकि यह ऐसा विकेट नहीं था, जहां आपको प्रत्येक ओवर में मौका मिले.’
जडेजा ने कहा, ‘इस विकेट पर आप एक ही रफ्तार में सभी गेंदें नहीं फेंक सकते, क्योंकि कोई टर्न नहीं मिल रहा था. आपको इन सभी को मिला जुलाकर ‘एंगल्स’ बनाने पड़े.’ पिछले कुछ समय से जडेजा बल्ले से भी अहम योगदान कर रहे हैं. उन्होंने दूसरे टेस्ट में 57 रन की अहम पारी खेली थी और इससे पहले सीमित ओवर की सीरीज में भी अच्छा प्रदर्शन किया था.
जडेजा का ध्यान हमेशा ऑलराउंड प्रदर्शन करने पर लगा रहा है. उन्होंने कहा, ‘पिछले 12-18 महीने से नहीं, बल्कि जबसे मैंने खेलना शुरू किया, तब से मेरी भूमिका यही रही है. जब भी मैं खेलता हूं, मैं खेल के दोनों विभागों में योगदान करने की कोशिश करता हूं.’
जडेजा ने कहा, ‘जब भी मुझे मौका दिया गया तो मैंने इसमें योगदान किया है. हां, भारत के बाहर, मेरे बल्लेबाजी प्रदर्शन को ज्यादा तवज्जो मिली. मैं ज्यादा कुछ नहीं सोच रहा हूं, बस हर मिले मौके का फायदा उठाना चाहता हूं.’
जडेजा सीरीज में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने से गुरेज नहीं है. उन्होंने कहा, ‘ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने से मैं और अधिक जिम्मेदारी से खेलता हूं और शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के साथ खेलने से आप उससे बातचीत करके आत्मविश्वास हासिल करते हो कि हमें क्या करने की जरूरत और क्या नहीं.’
जडेजा ने कहा, ‘साथ ही आपको योजना बनाने और पारी संवारने का काफी समय मिल जाता है. शुरू में अगर मुझे शुरूआत मिल जाये तो मैं लय में खेलता हूं. अगर मैं बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेलूंगा तो यह अच्छा है.’ वह किस स्थान पर खेलना चाहेंगे तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा, ‘मुझे बताईये क्या मुझे पारी का आगाज करना चाहिए?’