उन्नाव रेप केस: सेंगर की गिरफ्तारी पर CBI लेगी फैसला- यूपी पुलिस

उन्नाव मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। लखनऊ के शास्त्री भवन मीडिया सेंटर में गुरुवार को प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की पुष्टि की। 

प्रमुख सचिव ने कहा कि आरोपों के आधार पर विवोचना सीबीआई को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि कुलदीप सिंह पर केस दर्ज कर लिया गया है। पीड़ितों के बयान के आधार पर टीम जांच करेगी। सारे केस सीबीआई को ही ट्रांसफर किए जाएंगे। वह अपनी जांच के हिसाब से निर्णय लेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधायक की गिरफ्तारी पर सीबीआई ही फैसला लेगी।

डीजीपी ने कहा कि विधायक कुलदीप सिंह पर सिर्फ आरोप लगे हैं, वह अभी दोषी करार नहीं हुए हैं। पर्याप्त सुबूत के आधार पर उन पर कार्रवाई की गई है। एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि पुलिस किसी का बचाव नहीं कर रही है। पीड़ित पक्ष के बयान लिए गए हैं। पीड़ित को सुरक्षा भी मुहैया करा दी गई है। एसआईटी अपना काम कर रही है।

मालूम हो कि बुधवार को पीड़िता के गांव पहुंचे एडीजी राजीव कृष्णा और एसआईटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी बताया था। टीम ने कुलदीप सिंह सेंगर को मारपीट की साजिश रचने का आरोपी बताया, जबकि विधायक के भाई अतुल सिंह को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट में दोषी पाया गया है।

इसके बाद आरोपी विधायक के खिलाफ FIR दर्ज की गई। उनके खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए थे और सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया था।

यही नहीं, पीड़िता के पिता की इलाज में लापरवाही पर दो डॉक्टरों और एक सीओ को निलंबित भी कर दिया गया है।

उन्नाव पुलिस भी मामले में दोषी, हटाई जा सकती हैं एसपी 

एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्णा के नेतृत्व में गठित इस टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में विधायक और रेप पीड़िता के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश की भी बात सामने आई है। एसआईटी ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच का भी सुझाव दिया है और उन्नाव पुलिस को भी मामले में दोषी माना है। रिपोर्ट में वहां की एसपी पुष्पांजलि को हटाने की संस्तुति की बात भी की जा रही है और पुलिस अफसरों पर कदम-कदम पर लापरवाही बरतने का जिक्र किया गया है।
मालूम हो कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की थी। इसके मद्देनजर डीजीपी ने एसआईटी गठित कर उन्नाव भेजा था। यह टीम बुधवार को उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र में स्थित पीड़िता के घर पहुंची। वहां दो घंटे से भी ज्यादा समय तक पीड़िता व उसके परिवारीजनों से बात की। विधायक पक्ष के भी पांच लोगों से पूछताछ की गई। एसआईटी ने उन्नाव के डीएम व एसपी से अलग से मीटिंग कर जानकारी ली।
 
 
 

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