हैवाननियत के बाद आग के हवाले की गई उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार देर रात को यहां सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़िता को लखनऊ से एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया गया था। अस्पताल के ‘बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी’ विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका। इधर, घटना को लेकर सियासत भी गरमा गई है। सपा अध्यक्ष यूपी सरकार को पीड़िता की मौत का जिम्मेदार बताया है।
दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर विपक्ष के नेताओं ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार से जल्द इंसाफ दिए जाने की मांग की है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधान भवन के सामने दो मिनट का मौन रख धरने पर बैठ गए हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार ऐसी घटनाओं के दोषियों को निर्धारित समय के भीतर फांसी की सख्त सजा दिलाने का कानून बनाए। राज्य सरकारों को चाहिए कि वे लोगों में कानून का खौफ पैदा करें।
उधर, पीड़िता के भाई ने कहा है कि उसकी बहन को तभी न्याय मिलेगा जब उसके साथ क्रूरता करने वाले उन सभी आरोपियों का भी वही हश्र हो जो उसकी बहन ने झेला है। मैं बहुत दुखी हूं कि उसे बचा नहीं सका। आरोपियों को या तो एनकाउंटर कर दिया जाए या फांसी पर लटकाया जाए। ऐसे हैवानों को जीने का कोई हक नहीं है। उसने बताया कि आरोपियों ने तो पहले ही उसे जला दिया है, अब हम उसके शव को दफनाएंगे। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि सरकार बहरी और असंवेदनशील हो गई है। दुष्कर्म पीड़िताओं की चीखें उसे सुनाई नहीं देती हैं।