उत्तराखंड के चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड के साथ ही उच्च हिमालय में चोटियों पर बर्फबारी का क्रम जारी है। दूसरी ओर बदरीनाथ के पास मलबा आने से हाईवे फिर बंद हो गया। इसके चलते तीन हजार से ज्यादा यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका गया है। मौसम का असर केदारनाथ में हेली सेवा पर भी पड़ा है।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज तल्ख बना हुआ है। देहरादून में रविवार रात करीब सात घंटे में 41.2 और मसूरी में 60.6 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री लुढ़क गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 12 घंटे में देहरादून और हरिद्वार में एक से दो दौर की भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। पिछले तीन दिन के दौरान देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में 235.3 और मसूरी में 214.5 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक मंगलवार सुबह 10 बजे तक देहरादून और हरिद्वार में एक-दो दौर तेज बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने इसकी चेतावनी भी जारी की है। दोपहर के समय आसमान पर बादल छाये रह सकते हैं।
भारी बारिश के कारण सोमवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे 26.7 जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 20.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। उधर, मसूरी का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 16.8 व न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
मसूरी में दोपहर बाद कोहरा छाये रहने से लोगों ने गरम कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं। जबकि देहरादून में सुबह व शाम को पंखे व एसी बंद करना पड़ रहा है।
सोमवार को दिनभर में महज तीन उड़ान ही संचालित की जा सकीं। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम के मिजाज में बदलाव की संभावना नहीं है। मंगलवार को भी पर्वतीय क्षेत्रों के साथ मैदानों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की आशंका बनी हुई है। प्रदेश में शनिवार रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश सोमवार को भी जारी रही।
पर्वतीय क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में रविवार को पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण हाईवे बंद हो गया था। सोमवार सुबह करीब 10 बजे मलबा हटाने के बाद यातायात बहाल हो पाया, लेकिन यह स्थिति महज तीन घंटे तक रही। दोपहर बाद बारिश शुरू होते ही हाईवे फिर बंद हो गया।
कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में भी लगातार हो रही बारिश परेशानी का सबब बनी हुई है। पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड पर चट्टान दरकने से जाम लग गया। यात्री दो घंटे से अधिक समय तक मार्ग में फंसे रहे। इसके अलावा सोमवार सुबह छह बजे मलबा आने से टनकपुर-चंपावत मार्ग चार घंटे तक बंद रहा
बारिश और बाढ़ से इस बार लोक निर्माण विभाग को 198 करोड़ 69 लाख 42 हजार रुपये का का नुकसान हुआ है। बारिश से 1788 सड़कें और 23 पुलों को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा 168 करोड़ का नुकसान गढ़वाल क्षेत्र में हुआ है। अभी बारिश जारी है। ऐसे में यह नुकसान का आंकलन दो गुना बढ़ सकता है।
राज्य में इस बार बारिश लोक निर्माण विभाग की सड़कों और पुलों पर कहर बनकर टूटी। चमोली, देहरादून के चकराता, उत्तरकाशी के मोरी और कुमाऊं मंडल में बाढ़ आने से सड़कों और पुलों को भारी नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग ने मानसून सत्र में हुए नुकसान का आंकलन करते हुए रिपोर्ट तैयार कर ली है।
अब तक विभाग को राज्य में 198 करोड़ 69 लाख 42 हजार का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा गढ़वाल क्षेत्र में 168 और कुमाऊं मंडल में 30 करोड़ का नुकसान हुआ है। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के मुताबिक अभी नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट आई है।
इसमें दो सौ करोड़ का नुकसान आपदा से हुआ है। बारिश और बाढ़ से 1788 सड़कें बंद हुई हैं। 52 सड़कें अभी भी बंद चल रही है। इनकों खोलने का कार्य किया जा रहा है। 23 पुलों को चार करोड़ 66 लाख का नुकसान हुआ है। पुलों को यथावत स्थिति में लाने के लिए 27 करोड़ की जरूरत है।
साढ़े पांच करोड़ किए खर्च
आपदा से बंद हुई सड़कों को खोलने पर विभाग पांच करोड़ 62 लाख रुपये खर्च कर चुका है। इसमें 22 लाख 96 हजार जिलाधिकारी स्तर से हुआ है। जबकि पांच करोड़ 40 लाख रुपये विभागाध्यक्ष स्तर से जारी हुए हैं। इस बजट से काम चलाऊ स्थिति के लिए सड़क और पुल पर आवाजाही कराई गई है।
कहां कितना नुकसान
टिहरी-उत्तरकाशी-79 करोड़
देहरादून-हरिद्वार-54 करोड़
पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली-35 करोड़
पिथौरागढ़-चंपावत-12 करोड़
अल्मोड़ा-बागेश्वर-4 करोड़
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर-14 करोड़