उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म की आत्मा निवास करती है : CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने राम के अस्तित्व पर अयोध्या में ही प्रश्न लगाने का प्रयास किया। यहां तक कहा गया कि हमारी अयोध्या वह नहीं है, जहां भगवान राम पैदा हुए थे। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में रहने वाले लोग स्वीकार करते हैं कि उनके पूर्वज राम ही हैं। उनके धर्म का मूल हिन्दू ही है। लेकिन, भारत के अंदर ऐसा बोलने पर बहुत सारे लोगों के सेकुलरिज्म को खतरा हो पैदा हो जाएगा। यह सेकुलरिज्म भारत की समृद्ध परम्पराओं को आगे बढ़ाने और और वैश्विक मंच पर स्थान दिलाने में सबसे बड़ा खतरा है।

मुख्यमंत्री शनिवार को उप्र संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में ‘रामायण विश्व महाकोश’ के प्रथम संस्करण (कर्टेन रेजर वॉल्यूम) का विमोचन एवं कार्यशाला का उद्घाटन करने के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने कहा ​कि दक्षिण पूर्व एशिया में जैसे हम राम की संस्कृति पर गौरव करते हैं वैसे वहां के लोग भी करते हैं। इंडोनेशिया का हर व्यक्ति कहता है कि हमने किन्ही परिस्थितियों में इस्लाम स्वीकार किया होगा। लेकिन, हमारे पूर्वज तो राम ही हैं। उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान एक राजनीतिक इकाई के रूप में भारत को चुनौती दे रहा है। लेकिन, सच्चाई का पक्ष यह है कि वह 1947 के पहले भारत का हिस्सा था और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अपने समय में ही अपने भाई के पुत्र को वहां का शासक बना कर भारत की सीमाओं को विस्तार दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण और महाभारत की कहानियां हमें बहुत कुछ बताती हैं। भारत के उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक विस्तार के बारे में आज भी हमें धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से समझने को मिलता है। उन्होंने कहा कि लेकिन बहुत सारे लोगों ने तो राम के अस्तित्व पर अयोध्या में ही प्रश्न लगाने का प्रयास किया। जब श्रीराम जन्म भूमि के लिए आन्दोलन चल रहा था, भारत के बहुत सारे ऐसे इतिहासकार थे, जो उस समय प्रश्न खड़ा करने का प्रयास कर रहे थे। बहुत सारे लोगों ने तो यह तक कह दिया था कि कि यह अयोध्या वह नहीं है, जहां भगवान राम पैदा हुए थे। अयोध्या में भी उन्होंने संदेह व्यक्त करने का प्रयास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यही विकृत मानसिकता भारत को अपने गौरव से सदैव वंचित करती रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है भारत की सनातन परम्परा में जिन सात पवित्र पुरियों का​ जिक्र है, उसमें से तीन अयोध्या, मथुरा और काशी उत्तर प्रदेश के अंदर ही हैं। उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म की आत्मा निवास करती है और उसके नाते यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़े हुए किसी ऐसे विश्वकोश कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए किसी कार्यशाला का आयोजन हो। उन्होंने कहा कि आज यह बेहद आसान, सहज और सरल है क्योंकि तकनीक के जरिए हम एक जगह बैठकर इस कार्यक्रम को बहुत अच्छे ढंग से बढ़ा सकते हैं। यह बहुत बड़ा कार्य और अभियान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के बारे में बहुत सारी जानकारियों देगा। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों के दौरान कई देशों की रामलीला का आयोजन अयोध्या में किया गया। इसमें आये लोगों को भारत के बारे में बहुत जानकारी हो ना हो लेकिन राम की संस्कृति, भारत की सनातन परम्परा के साथ उनका श्रद्धा भाव आज भी पूरे विश्वास के साथ जुड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने अपने कंबोडिया दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मंदिर के पत्थरों में चित्रों के माध्यम से पूरी रामायण को उकेरा गया है। लंका दहन के बाद हनुमान जी के अपनी पूंछ की आग बुझाने के ऐसे ही एक चित्र के बारे में स्थानीय गाइड ने उन्हें बताया कि यह गॉड मंकी हैं। गाइड ने कहा कि वह हिन्दू नहीं बौद्ध है। लेकिन, बौद्ध धर्म हिन्दू धर्म से ही पैदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंबोडिया में एक सामान्य 20 साल का वह युवक रामायण के उस चित्र को बताता है। अपनी बात व्यक्त करता है। ज​बकि हमारे यहां उपासना विधि को लेकर विवाद खड़े होते हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होता है।

सकारात्मक दृष्टि से जोड़ने के बजाए कैसे तोड़कर इस पूरी परम्परा को खराब कर सकें, ऐसा प्रयास होता है। लेकिन, कंबोडिया में बैठा एक व्यक्ति न जाने कितने लोगों को प्रतिदिन अंकोरवाट मंदिर के के बारे में अवगत कराता है। अपनी स्वयं की आजीविका चलाता है और अपने देश के आर्थिक उन्नयन में भी योगदान देता है। वहां पर उसको भी मालूम है कि वह बौद्ध है। लेकिन, इसका मूल क्या है। वह नि:संकोच इस बात को अंकोरवाट में रहकर बोल सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के अंदर इन शब्दों को बोलेंगे तो यहां बहुत सारे लोगों के सेकुलरिज्म को खतरा हो पैदा हो जाएगा। यह सेकुलरिज्म शब्द सबसे बड़ा खतरा है। भारत की समृद्ध परम्पराओं को आगे बढ़ाने और और वैश्विक मंच पर उसे स्थान मिल सके, इसे प्रस्तुत करने में सेकुलरिज्म सबसे बड़ी बाधा है। इससे उभर कर हमें बहुत स्वस्थ मन से इस दिशा में प्रयास प्रारंभ करने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राम लीलाओं के आयोजन हो रहे हैं। रूस, लाओस, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और श्रीलंका की रामलीला के कार्यक्रम को जोड़कर इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। यह कपोल कल्पना नहीं है। इसमें सच्चाई भी है, वह देश व स्थल आज भी मौजूद हैं।

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी ने भगवान विष्णु का अवतार होने के बावजूद खुद को मानव से इतर प्रकट करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने मानवीय मर्यादाओं के अंदर ही अपनी लीलाओं को रचा, यही राम जी की महानता है। यह इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण हमें विज्ञान और अध्यात्म के अनछुए पहलुओं को जानने का अवसर देगा। यह विश्व कोश अपने आप में रामायण के विश्वव्यापी स्वरूप को प्रस्तुत करने में मदद करेगा।

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