उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण ( संशोधन) विधेयक 2021 सोमवार को यूपी विधानसभा में बहुमत से पारित हो गया। इस दौरान बसपा, सपा और कांग्रेस ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखा था।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इसमें व्यवहारिक कठिनाई है जिसके कारण विधेयक प्रवर समिति को नहीं भेजा जा सकता। बताया जा रहा है कि यह विधेयक सिर्फ दो जिलों में ही लागू होगा।
विधेयक के एक प्रावधान पर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कमिश्नर 25-30 साल सेवा पूरी कर चुके वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होते हैं और जिलाधिकारी उसने जूनियर होते हैं। इसके बावजूद उन्हें जिलाधिकारी की अनुमति लेनी होती है। जो कि ठीक नहीं है।
वहीं, लोक एवं निजी संपत्ति निरुपम निवारण विधेयक 2021 भी विधानसभा में पारित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह विधेयक सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए है।
वहीं, इसके पहले सपा, बसपा व कांग्रेस के सदस्यों ने खराब कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और नारेबाजी की। विधानसभा से बहिर्गमन कर लिया।
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