संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 27 जहाजों और 21 शिपिंग कंपनियों और एक व्यक्ति को ‘ब्लैकलिस्ट’ कर दिया. ऐसा इसलिए किया गया क्योेंकि इन कंपनियों ने उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को दरकिनार कर उसकी मदद की.
बता दें कि फरवरी 2018 में अमरेकिा ने संयुक्त राष्ट्र से इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. साथ ही तेल और कोयले जैसे उत्तर कोरियाई माल की तस्करी पर भी चिंता जताई थी. इस प्रस्ताव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को यह कदम उठाया और इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है.
बीबीसी के मुताबिक, शुक्रवार को घोषित किए गए नए प्रतिबंधों के जरिए न सिर्फ उत्तर कोरिया के शिपिंग ऑपरेशन को निर्देश दिए गए थे, बल्कि उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने वाली चीनी कंपनियों को भी निर्देश दिए गए थे.
इन कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट
जिन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है उनमें उत्तर कोरिया स्थित 16 कंपनियां, हांगकांग में पंजीकृत पांच कंपनियां, चीन की दो कंपनियां, ताइवान की दो और सिंगापुर व पनामा की एक- एक कंपनियां शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरिकी राजदूचत निक्की हेली ने कहा कि नवीनतम प्रतिबंध इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एकजुट है.
बता दें कि हाल ही में उत्तर कोरिया के सुप्रीम कमांडर किम जोंग उन सत्ता संभालने के बाद पहली बार किसी देश की यात्रा पर चीन पहुंचे थे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कापी चर्चा में रही. आने वाले दिनों में किम जोंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मिलेंगे.