राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया है। इस सिलसिले में शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं।
इससे प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के लगभग 60 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही इन शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही साध पूरी हो गई है।
सातवां वेतनमान के लागू होने के बाद एसीपी के दायरे में न आने वाले शिक्षक उन्हें चयन व प्रोन्नत वेतनमान की सुविधा बरकरार रखने की मांग कर रहे थे। चयन व प्रोन्नत वेतनमान की सुविधा सातवें वेतनमान में एसीपी का लाभ लेने के मद्देनजर हटा दी गई थी। सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू किया गया था।
अब राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को चयन व प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया है। इस संबंध में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
इन शिक्षकों को 10 वर्ष की नियमित सेवा संतोषजनक पूर्ण करने पर चयन व प्रोन्नत वेतनमान में अगले ग्रेड पे का लाभ मिलेगा। बताया गया कि चयन व प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जाएगी।
शिक्षक संघ बोले अधिकार वापस मिला
राज्य के शिक्षकों को दोबारा चयन और प्रोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा। इससे राज्य भर के शिक्षकों में खुशी की लहर है। विभिन्न शिक्षक संगठन साल 2016 में सातवें वेतन मान लागू होने के बाद से ही इस मांग को उठा रहे थे।
शिक्षक संघों ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि अपना अधिकार वापस मिल गया है। इस वेतनमान के लाभ से प्रदेशभर में बेसिक, माध्यमिक और इंटर कॉलेज में तैनात लगभग 60 हजार शिक्षकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से इसका फायदा मिलेगा। राजकीय शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ और जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ समेत अन्य शिक्षक संघों ने इस पर खुशी जताई।
राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माझिला ने कहा कि चयन और प्रोन्नत वेतनमान दोबारा लागू होना प्रदेश के शिक्षकों के लिए हर्ष का विषय है। अब संघ कनिष्ठ – वरिष्ठ मुद्दे पर सुधार की पैरवी करेगा प्राथमिक सिक्षक संघ के अध्यक्ष विरेंद्र कृषाली के अनुसार, सालभर से लगातार शिक्षक संघ चयन और प्रोन्नत वेतनमान की मांग कर रहा था। दोबारा वेतनमान लागू करने के लिए सरकार का आभार।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल के मुताबिक, साल 2016 से ही शिक्षक संघ चयन और प्रोन्नत वेतनमान की मांग कर रहा था। संघ लगातार इसके लिए शासन पर दबाव बना रहा था। यह संघ की बड़ी जीत है। शिक्षकों को बधाई और सरकार का धन्यवाद।