कई घंटों से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिस वजह से अब लोगों के मन में आपदा का खौफ तारी हो गया है। राज्य की लगभग हर नदी उफान पर है। जिससेे कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक हाहाकार मच गया है।
ऋषिकेश में गंगा घाट डूब गए हैं। गंगा नदी एक बार फिर भगवान शिव की मूर्ति को छूकर बह रही है। बता दें कि ऐसा दृश्य 2013 में आई केदारनाथ आपदा में देखा गया था। हरिद्वार में भी गंगा उफान पर है।
इसके साथ ही अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, शारदा, गोरी, कोसी, रामगंगा सहित अन्य नदियां पानी से लबालब हो गईं हैं। बहरहाल यह स्थिति देखते हुए अलर्ट जारी किया गया। नदियों के आस-पास मुनादी की जा रही है। टिहरी, पौड़ी और ऋषिकेश प्रशासन लगातार मुनादी करवा रहा है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। जिस कारण अलर्ट जारी किया गया है। गंगा का जलस्तर 340.34 आरएल मीटर पर पहुंच गया है।
ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम, त्रिवेणी और लक्ष्मण झूला के लगभग सभी गंगा घाट डूब गए हैं। मायाकुण्ड, चंद्रेश्वर नगर में पानी भर गया है।
हरिद्वार में पानी का जलस्तर आज सुबह सबसे ज्यादा 3 लाख 92 हजार 104 क्यूसेक पहुंच गया था। पानी के साथ काफी मात्रा में सिल्ट आ रही है। फिलहाल हरिद्वार में जलस्तर बढ़ने से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार रातभर बारिश होती रही। रुद्रप्रयाग में रैतोली बाईपास पर पुराना बैली ब्रिज नदी में डूब गया है।
अगस्त्यमुनि में मंदाकिनी का जलस्तर उफान पर है।
लगातार बारिश से श्रीनगर में रात 2 बजे अलकनंदा खतरे के निशान को पार कर गई। शनिवार की सुबह अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे हो गया है।
टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग में किरोड़ा नाला भी उफना गया है।
टनकपुर में शारदा नदी उफान पर है। टनकपुर के स्नान घाट में पानी चढ़ गया है। आसपास की आबादी को खतरा हो गया है।
मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क तीन स्थानों पर बह गई है। बंगापानी के समीप कई बस्तियां खतरे में आ गईं हैं।
बारिश के चलते शिप्रा और कोसी नदी उफान पर है। चौखुटिया में लगातार रामगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।