देहरादून : उत्तराखंड में अब हर महीने गंगा की मॉनीटरिंग होगी। इसके तहत उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) बदरीनाथ व उत्तरकाशी से लेकर हरिद्वार तक 29 जगह गंगा के पानी की गुणवत्ता जांचेगा। इसमें बदरीनाथ, विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग व नंदप्रयाग को भी जोड़ा गया है। इस माह से नई व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है। 
राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त रुख और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से मिले निर्देशों के बाद उत्तराखंड में पीसीबी ने गंगा की मॉनीटरिंग की नई व्यवस्था की है।
पीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी एसएस पाल के मुताबिक अब बदरीनाथ से देवप्रयाग, उत्तरकाशी से देवप्रयाग और देवप्रयाग से हरिद्वार तक 29 स्थलों पर गंगा के पानी की मॉनीटरिंग प्रारंभ की गई है। इसमें बदरीनाथ, विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग व नंद्रप्रयाग के रूप में चार नए स्थल शामिल किए गए हैं।
मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि सीपीसीबी के निर्देशों के क्रम में अब हर माह इन सभी स्थलों पर गंगा के पानी की गुणवत्ता जांची जाएगी। यह कार्य इस माह से प्रारंभ कर दिया गया है। जुलाई में सभी जगह गंगा का पानी मानकों के अनुरूप पाया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि बरसात के चलते इन दिनों पानी खासा मटमैला होता है, जिस कारण सही तस्वीर सामने नहीं आती। असली स्थिति का पता गर्मियों में चलता है।
उन्होंने बताया कि अब हर माह गंगा के पानी की मॉनीटरिंग रिपोर्ट सीपीसीबी को भेजी जाएगी। एसटीपी से निकलने वाला पानी ठीक पीसीबी की टीम ने गंगा के पानी की मॉनीटरिंग के दौरान गंगा से लगे नगरों व शहरों में स्थापित 18 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ने निकलने वाले शोधित पानी की जांच भी की गई। मुख्य पर्यावरण अधिकारी के अनुसार सभी जगह पानी मानकों के अनुरूप पाया गया।
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