प्रदेश में बेरोजगारी दर में सबसे आगे देहरादून जिला है। जिले में 30.2 फीसद युवा बेरोजगार हैं। अलबत्ता उत्तरकाशी जिले में यह दर सबसे कम 2.1 फीसद है।
उत्तराखंड मानव विकास रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी के मामले में पौड़ी जिला दूसरे और टिहरी जिला तीसरे स्थान पर है। पौड़ी के 22.9 फीसद और टिहरी जिले के 20.9 फीसद युवा बेरोजगार हैं। इसीतरह हरिद्वार जिले में 20.1 फीसद, चंपावत में 18.6 फीसद, चमोली में 18.2 फीसद, ऊधमसिंहनगर में 16.1 फीसद, नैनीताल में 11.9 फीसद, अल्मोड़ा में 11.6 फीसद, बागेश्वर में 11.3 फीसद, पिथौरागढ़ में 10.6 फीसद, रुद्रप्रयाग में 10.6 फीसद और रुद्रप्रयाग में 9 फीसद युवा बेरोजगारी के शिकार हैं।
इसी तरह गरीबी दर में पहले स्थान पर चंपावत, दूसरे स्थान पर अल्मोड़ा और तीसरे स्थान पर चमोली जिला है। उक्त तीनों जिले की गरीबी दर क्रमश: 35.2 फीसद, 30.7 फीसद और 27.5 फीसद है। इन जिलों में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 36.4 फीसद व 27.6 फीसद, 34.6 फीसद व चार फीसद और 31.1 फीसद व 11.5 फीसद है। गरीबी दर उत्तराखंड में 15.6 फीसद आंकी गई है। यह दर ग्रामीण क्षेत्र में 17.9 फीसद और शहरी क्षेत्र में 11.1 फीसद है।
हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष सभी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर ज्यादा है। हरिद्वार में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी अधिक है। शहरी क्षेत्र में 17.2 फीसद तो ग्रामीण क्षेत्र में 13.9 फीसद गरीब हैं। ऊधमसिंह नगर जिले में 18.7 फीसद बेरोजगार हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्र में 19.9 फीसद व शहरी क्षेत्र में 16.6 फीसद हैं।
देहरादून में सबसे कम 7.1 फीसद गरीबी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 12.4 फीसद और शहरी क्षेत्र में 3.3 फीसद गरीबी दर है। इसके बाद उत्तरकाशी जिले में 9.9 फीसद, बागेश्वर में 11.8 फीसद, पौड़ी में 14.8 फीसद, नैनीताल मे 13.7 फीसद, पिथौरागढ़ में 13 फीसद, रुद्रप्रयाग में 18.3 फीसद, टिहरी में 13 फीसद गरीबी दर है।