प्रदेश में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों के लिए 144 चुनाव चिह्न निर्धारित कर दिए गए हैं। इन्हीं पर चुनाव लड़ा जाएगा।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतपत्र में प्रत्याशियों के नाम नहीं होते। चुनाव चिह्न ही प्रत्याशी की पहचान होती है। ऐसे में जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान पदों के लिए सबसे ज्यादा 40-40 चुनाव चिह्न निर्धारित किए गए हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में संभावित हैं। इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। आयोग के स्तर से करीब- करीब मुख्य तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इसी कड़ी में चुनाव के लिए चुनाव चिह्नों का निर्धारण हो चुका है और इसकी सूची भी संबंधित जिलों को भेजी जा चुकी है।
एक व्यक्ति डालेगा चार वोट
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए मतदान होता है। यानी एक मतदाता चार वोट डालेगा। इन चुनावों के बाद उप प्रधान का चुनाव बैलेट से होगा। अलबत्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव जिला व क्षेत्र पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि एकल संक्रमणीय पद्धति से करते हैं।
जिलों में भेजे ढाई करोड़ मतपत्र
पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने करीब ढाई करोड़ मतपत्र छपवाए हैं। आयोग के सचिव रोशनलाल के मुताबिक ये मतपत्र संबंधित जिलों में भेजे जा चुके हैं।
43 लाख से ज्यादा है वोटर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत 12 जिलों की 7491 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे। इनमें मतदाताओं की संख्या 43 लाख से अधिक है।
पदवार चुनाव चिह्न
पद———————————-संख्या
ग्राम पंचायत सदस्य—————18
ग्राम प्रधान————————–40
क्षेत्र पंचायत सदस्य—————-36
जिला पंचायत सदस्य————–40
उपप्रधान——————————10