उत्तराखंड: दीपिका व्यास प्रदेश में 2504 मतों से जीत हासिल की

‘छोटी सरकार’ यानी ग्राम पंचायत के चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड देहरादून जिले के नाम रहा। यहां डोईवाला विकासखंड की ग्राम पंचायत गुमानीवाला से प्रधान पद पर दीपिका व्यास ने रिकॉर्ड 2504 मतों से जीत हासिल की। सर्वाधिक मतों से जीत के मामले में दूसरे स्थान पर इसी ब्लॉक की मारखम ग्रांट ग्राम प्रधान प्रत्याशी सुमन ज्याला रहीं। उनकी जीत का अंतर 2205 रहा। तीसरे स्थान ऊधमसिंहनगर नगर की जसपुर विकासखंड से बाबरखेड़ा ग्राम पंचायत प्रधान प्रत्याशी मो. इरशाद रहे। इन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1918 वोटों से पराजित किया।

गुमानीवाला की महिला सीट से विजयी रही दीपिक व्यास को कुल 4108 वोट पड़े, जबकि दूसरे स्थान रही संतोष को 1604 मत ही मिल पाए। देहरादून जिले में सर्वाधिक मतों से जीत के आंकड़ों की बात करें तो यहां चौथे नंबर पर भी डोईवाला विकासखंड की ही ग्राम पंचायतों का कब्जा रहा। चौथे स्थान पर खदरी खड़कमाफ की विजेता प्रत्याशी संगीता का जीत का अंतर 1779 रहा, जबकि पांचवें स्थान पर सहसपुर की भुड्डी गांव की प्रत्याशी कोमल की जीत का फसला 1267 मत रहे। 

छठे स्थान पर फिर डोईवाला ब्लॉक की धमक दिखाई दी। गढ़ी मयचक ग्राम पंचायत की विजेता प्रत्याशी नीलम ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 721 मतों से हराया। डोईवाला से ही एक अन्य प्रत्याशी को 500 से अधिक मतों से जीत हासिल हुई। इसके बाद सहसपुर व विकासनगर विकासखंड में भी कई प्रत्याशियों को 300 मतों से अधिक के अंतर से जीत हासिल हुई। 
कालसी, रायपुर व चकराता विकासखंडों में बड़े अंतर से जीत के आंकड़े नजर नहीं आए। जीत में मतों के इस अंतर का आकलन देर रात तक जारी आंकड़ों के अनुसार देहरादून की 282 ग्राम पंचायतों में से 262 के आधार पर किया गया है। 

महज एक वोट से जीती रानी लता

पंचायत चुनाव में जीत के असली मायने वो प्रत्याशी भली-भांति समझ सकते हैं, जो हारते-हारते बच गए या यूं कहें कि बस हार उन्हें छू कर निकल गई। देहरादून जिले में ग्राम पंचायत के चुनाव में एक प्रत्याशी ऐसी भी रहीं, जो महज एक वोट से चुनाव जीत गईं। विकासनगर विकासखंड के प्रतीतपुर कल्याणपुर ग्राम पंचायत की विजयी प्रत्याशी रानी लता को 454 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहीं नीरज देवी को 453 वोट मिले।

ग्राम पंचायत चुनाव में चार प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनकी जीत का अंतर महज दो वोट रहा। दूसरी तरफ 10 से कम मतों के अंतर से जीते कुल प्रत्याशियों की संख्या 28 है। इनमें ऐसे प्रत्याशियों की संख्या छह है, जिन्होंने महज तीन मतों से जीत हासिल की।

 

थणता में विजेता के अलावा सभी को एक-एक वोट

देहरादून जिले के चकराता विकासखंड में एक गांव ऐसा भी रहा, जहां प्रधान पद के विजेता प्रत्याशी के अलावा अन्य सभी प्रत्याशियों को महज एक-एक वोट ही पड़े। संभवत: यह वोट सिर्फ प्रत्याशियों के ही रहे।

इस गांव का नाम थणता है और यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। इस गांव में प्रधान पद के लिए कुल 25 वोट डाले गए। इसमें विजेता वीरेंद्र को 21 वोट मिले, जबकि शेष चार प्रत्याशियों के खाते में महज एक-एक वोट ही गया।

माननीयों के क्षेत्र में भाजपा को झटका

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत सीटों पर प्रत्याशियों को अधिकृत किया था। डोईवाला और ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्र होने के कारण वीआईपी माना जाता है। इन दोनों क्षेत्रों में भाजपा को एक-एक सीट पर संतोष करना पड़ा है। पांच में से दो सीट निर्दलीय और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है।

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में खदरी खड़क माफ से जिला पंचायत के लिए संजीव चौहान, साहब नगर से अनीता राणा को अधिकृत प्रत्याशी बनाया गया था। हरिपुर कला सीट से घोषित प्रत्याशी ने चुनाव नहीं लड़ा। इस विधानसभा से प्रेमचंद्र अग्रवाल तीन बार के विधायक है। 

तीन में से सिर्फ एक खदरी सीट से भाजपा चुनाव जीतने में सफल रही है। साहब नगर से रीना रांगढ़ ने भाजपा को शिकस्त दी। हरिपुर कला सीट से निर्दलीय दिव्या बेलवाल निर्वाचित घोषित हुई है।

डोईवाला विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री की गृह विधानसभा है। इस विधानसभा की दो जिला पंचायत सीट माजरी ग्रांट तृतीय से  रीता पाल और बड़कोट माफी से अनिता सेमवाल भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी थी। यहां से अनीता सेमवाल भाजपा की लाज बचाने में सफल रही। जबकि माजरी ग्रांट  हॉट सीट मानी जा रही थी। यहां कांग्रेस की टीना ङ्क्षसह ने भाजपा को करारी शिकस्त देकर जीत का दूसरी बार परचम लहराया। 

 

अनानास और अनाज में दिखी सीधी टक्कर

प्रधान पदों के लिए हुए चुनाव में वैसे तो तमाम तरह के चुनाव चिह्न आवंटित किए गए थे। मगर, मतदाताओं को अनानास और अनाज की बालियां वाले चुनाव चिह्न को खासा आकर्षित किया। यही कारण रहा कि देर रात तक जारी परिणाम के अनुसार 101 से अधिक ऐसे प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, जिनका चुनाव चिह्न अनानास था। वहीं, दूसरा स्थान अनाज की बालियां रहे। इस चिह्न वाले 76 से अधिक प्रत्याशी विजयी रहे।

पहले व दूसरे स्थान पर आए प्रत्याशियों की बात करें तो अधिकतर का चुनाव चिह्न या तो अनानास रहा या अनाज की बालियां। इसके बाद 44 से अधिक आइसक्रीम चुनाव चिह्न वाले प्रत्याशी विजयी रहे। दूसरी तरफ दो चिह्न ऐसे भी रहे, जिनके सिर्फ एक-एक प्रत्याशी ने ही जीत हासिल की। इनमें कैरम बोर्ड के चुनाव चिह्न पर सहसपुर ब्लॉक के पौंधा गांव के प्रत्याशी सुधीर को जीत हासिल हुई। इसी तरह चुनाव चिह्न कोट पर भी महज एक प्रत्याशी श्यामपुर से विजय पाल ने जीत का स्वाद चखा।

इन चुनाव चिह्नों के प्रत्याशी पिछड़े

किताब, इमली, गले का हार, कार, कैमरा आदि।

मंगलवार की देर रात तक होती रही मतगणना

जनपद दून में त्रिस्तरीय पंचायत की मतगणना लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। मंगलवार देर रात तक 262 ग्राम प्रधान, 165 क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की 25 सीटों पर ही नतीजे घोषित किए गए। 

देहरादून जनपद के रायपुर, डोईवाला, विकासनगर, कालसी, चकराता और सहसपुर ब्लॉकों में ग्राम पंचायत सदस्य के 3335, ग्राम प्रधान के 284, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 193 और जिला पंचायत सदस्य के 30 पदों के लिए बीते सोमवार की सुबह सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई। 

मतगणना के दो-तीन घंटे में पहले राउंड के बाद ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के नतीजे आने शुरू हो गए थे। वहीं दोपहर 12 बजे से क्षेत्र पंचायत और तीन बजे से जिपं के नतीजे आने शुरू हुए। सोमवार देर रात तक मतगणना होती रही। उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगलवार को दोपहर तक सभी नतीजे घोषित हो जाएंगे। इसके उल्ट मंगलवार को भी पूरे दिन मतगणना होती रही।

तकरीबन 38 घंटे बीतने के बाद देर रात करीब 10 बजे तक 262 ग्राम प्रधान, 165 क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की 25 सीटों पर ही नतीजे घोषित किए जा सके। वहीं 22 ग्राम प्रधान, 28 क्षेत्र पंचायत और पांच जिला पंचायत की सीटों पर मतगणना जारी रही। देर रात रायपुर, डोईवाला, सहसपुर, कालसी, चकराता के सभी ब्लॉक में मतगणना पूरी हो गई। 

प्रमाण पत्र के लिए इंतजार करते रहे विजयी उम्मीदवार

सहसपुर, डोईवाला से जिपं सीटों पर विजयी उम्मीदवार प्रमाण पत्र लेने तहसील चौक स्थित जिपं भवन पहुंचे। वहां काफी देर इंतजार के बाद भी जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। रिटर्निंग ऑफिसर विष्णु दत्त बेंजवाल ने बताया कि इनकी जीत की अधिकारिक घोषणा हो गई, लेकिन प्रेक्षक या जोनल मजिस्ट्रेट से चेक की कॉपी नहीं पहुंची है। इस वजह से उन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। करीब एक-दो घंटे बाद जब ये कॉपी पहुंची तो प्रमाण पत्र दिए गए। 

दिव्या 25 साल की उम्र में बनी जिपं सदस्य 

दिव्या बेलवाल महज 25 साल की उम्र में जिला पंचायत सदस्य बन गई। उन्होंने डोईवाला ब्लॉक से हरिपुर कला तृतीय सीट पर जीत दर्ज की। वह निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं। दिव्या के पिता केपी बेलवाल वन निगम में लौगिंग प्रबंधक और मां चंद्रकांता गृहणी हैं। दिव्या इससे पूर्व ऋषिकेश डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ कोषाध्यक्ष भी रह चुकी है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर काम करना है। 

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