प्रदेश में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को कार्मिक और वित्त विभाग की मंजूरी मिल गई है। खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक अगली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव आएगा। इसे एक्ट के रूप में लाने के लिए विधान सभा सत्र में इसके लिए विधेयक लाया जाएगा।
खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक प्रदेश में वर्ष 2006 में खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में चार प्रतिशत खेल कोटे का शासनादेश हुआ था। यूपी के एक खिलाड़ी ने शासनादेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने चार प्रतिशत खेल कोटे पर वर्ष 2013 में रोक लगाने के साथ ही शासनादेश को रद्द कर दिया था।
छह विभागों में मिलेगी नौकरी
खेल कोटे को लेकर अब सरकार एक्ट बनाने जा रही है। खेल निदेशक ने कहा, सरकार पहले ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी की व्यवस्था कर चुकी है। शासनादेश के बाद इसके लिए आवेदन मांगे जा चुके हैं। उन्हें विभिन्न छह विभागों में 2000 से लेकर 5400 ग्रेड वेतन तक की नौकरी मिलेगी।
खेल निदेशक के मुताबिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को जहां विभिन्न छह सरकारी विभागों में सीधे नौकरी मिलेगी। वहीं चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का एक्ट बनने के बाद राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सभी विभागों में नौकरी के लिए इसका लाभ मिल सकेगा।
सीधे नौकरी के लिए विभाग को मिले 100 से अधिक आवेदन
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी मिलेगी। खेल विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं। खेल निदेशक के मुताबिक आवेदन की अंतिम तिथि 18 जनवरी है। अब तक विभाग को 100 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। पात्र अभ्यर्थियों को जल्द ही नौकरी मिलेगी।
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