उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह कुंभ में बारे में गलत जानकारी बोल रहे हैं। दरअसल वह मंगलवार को हरिद्वार में कुंभ कार्यों के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उस दौरान उन्होंने कहा कि कुंभ बनारस में भी आयोजित किया जाता है। वीडियो में वह कहते हुए दिख रहे हैं कि मैंने जैसे कहा कि महाकुंभ 12 साल में आता है। हर साल नहीं आता है।
मेले जगह-जगह होते हैं, कहीं भी हो सकते हैं, लेकिन कुंभ हरिद्वार में ही होता है। 12 साल में होता है, बनारस में होता है, उज्जैन में होता है। इसीलिए यह भव्य दिव्य होना चाहिए। बता दें कि कुंभ हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को चंडी द्वीप स्थित मीडिया सेंटर में महाकुंभ के 153 करोड़ 73 लाख रुपये लागत की 31 योजनाओं एवं कार्यों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार से महाकुंभ का विधिवत शुभारंभ हो गया। महाकुंभ का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है। मेला भव्य और दिव्य होगा, लेकिन कोविड से बचाव की एसओपी का पालन भी जरूरी है।
हरकी पैड़ी पर श्रीगंगा सभा के गंगा पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। गंगा पूजन के दौरान मुख्यमंत्री और संत बिना मास्क पहने नजर आए।
जैसे ही सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की बिना मास्क की फोटो और वीडियो वायरल हुई तो लोगों ने सीएम को घेर लिया। हालांकि मुख्यमंत्री ने मास्क ठुड्डी से नीचे लगा रखा था।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे थे। उन्होंने यहां गंगा पूजन के साथ महाकुंभ कार्यों का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री के गंगा पूजन की फोटो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड हुई तो वे एक बार फिर यूजर के निशाने पर आ गए। फोटो और वीडियो में मुख्यमंत्री और कई संत बिना मास्क के ही पूजन करते दिख रहे थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमेरिका ने हम पर 200 से ज्यादा सालों तक राज किया और इस समय वह संघर्ष कर रहा है। जबकि भारत अमेरिका नहीं बल्कि ब्रिटिश का गुलाम रहा।
उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो, जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया ? उन्होंने कहा कि ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक और विवादित बयान सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। इसमें वह अपने कॉलेज के दिनों की यादें ताजा करते हुए कह रहे थे कि मैं जब श्रीनगर यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। एक लड़की आई थी चंडीगढ़ से। थी पहाड़ की लेकिन, चंडीगढ़ से श्रीनगर आई। उसकी हाफ…कट…क्या बोलते हैं। पहली बार नया-नया।
तो ऐसे देख रहे थे लड़के उसको.. बस आ गई मुंबई से। उसका कुछ दिन ऐसा मजाक बना, ऐसा मजाक… क्योंकि सारे पीछे भागने शुरू कर दिए। यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए हो, क्यों… क्या होगा….उनके इस बयान पर महिलाओं ने सोशल मीडिया में जमकर विरोध जताया था।
मुख्यमंत्री ने देहरादून में बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृति विषय पर आयोजित कार्यशाला में विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जब वह युवाओं को फटी जींस पहनकर घूमते देखते हैं तो उन्हें आश्चर्य होता है।
उन्होंने एक संस्मरण का जिक्र करते हुए कहा कि वह जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट पर बैठे हुए थे। उनके बगल में एक महिला बैठी हुई थी। महिला एक एनजीओ चलाती थीं, जबकि उसके पति एक कॉलेज में प्रोफेसर थे। उस महिला ने पांव में गमबूट और घुटनों में फटी जींस पहनी हुई थी। महिला के साथ उसके दो बच्चे भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि, एनजीओ चलाती हैं, पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं, घुटने फटे दिख रहे हैं, समाज के बीच में जाती हैं, बच्चे साथ में है। क्या संस्कार दे रही हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि मोदी का चमत्कार है। त्रेता व द्वापर युग में राम व कृष्ण हुए हैं। राम ने भी समाज का काम किया था तो लोग उन्हें भगवान मानने लगे। आने वाले समय में लोग नरेंद्र मोदी को उसी रूप में मानने लगेंगे। जो काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, उसकी जयजयकार है। मोदी है तो मुमकिन है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कुर्सी संभालने के बाद हरिद्वार पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कुंभ 12 साल बाद आता है। अगर इसमें भी इतनी सख्ती होगी तो कैसे चलेगा।
कोई आरटीपीसीआर जांच नहीं होगी। जिसे आना है जी भरकर कुंभ में आकर स्नान करे। उन्होंने कहा था कि कुंभ को लेकर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए।
अधिकारियों को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के यहां मेरी पेशी लगेगी। वह पूछेंगे, डांटेंगे तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन कुंभ के अखाड़ों, व्यापारियों और लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उनके इस बयान को लेकर खूब चर्चाएं हुईं थीं। यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसे जोखिम भरा कदम करार दिया था ।