ओला कैब के पेमेंट के दौरान एक व्यक्ति के खाते से 95 हजार रुपये उड़ा दिए गए। पेमेंट के दौरान ओला एप अपग्रेड करने का झांसा देकर जालसाज ने उसे एक लिंक भेजा था।

इस लिंक को खोलकर एप डाउनलोड करने के बाद उसके खाते से रकम निकाल गई। इंस्पेक्टर पटेलनगर सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, संतोष सिंह निवासी बड़ोवाला ने 30 अगस्त को कहीं जाने के लिए ओला कैब बुक कराई थी। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने गूगल पे से पेमेंट करने की बात की। पेमेंट के लिए नंबर तलाशने के बाद उस नंबर पर फोन कर जब यह बताया गया कि वह ई-वॉलेट से भुगतान करना चाहते हैं तो फोन पर बात कर रहे शख्स ने बताया कि वह उन्हें एक लिंक भेजेगा। जिसे डाउनलोड करने के बाद उनका ओला एप अपग्रेड हो जाएगा। संतोष ने वैसा ही किया।
इसके पंद्रह मिनट बाद ही संबंधित बैंक के कस्टमर केयर का उनके पास फोन आया। इसके बाद उनके खाते से पांच बार में करीब 95 हजार रुपये निकाल लिए गए। इस पेमेंट के बाद बैंक के कस्टमर केयर से उनके पास फोन आया, तब उन्हें खाते से हुए ट्राजेक्शन के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने तत्काल डेबिट कार्ड ब्लॉक करा दिया। संतोष ने पुलिस को बताया कि जालसाज ने उनके मोबाइल नंबर का क्लोन भी तैयार कर लिया है, जिससे अगले दिन यानी 31 अगस्त को भी कई बार फोन आया था।
इंस्पेक्टर ने बताया कि संतोष सिंह के बैंक खाते से हुए पेमेंट के संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। मामले में संबंधित बैंक से रकम ट्रांसफर करने वाले के साथ यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि संतोष को फोन कहां से आया था। जालसाजों तक पहुंचने के लिए साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है।
अंजान लिंक को न खोलें
एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि ई-वॉलेट से पेमेंट के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यदि कोई शख्स यह कहे कि वह उसे लिंक भेज रहा है और वह उसे डाउनलोड कर लें। तो ऐसा कतई न करें। लिंक डाउनलोड करने के साथ ही खाते से जुड़ी तमाम जानकारियां जालसाज तक पहुंच जाती हैं, जिसका वह दुरुपयोग कर सकता है।
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