जहरीली शराब से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 55 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं कई की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। दूसरी तरफ उत्तराखंड के रुड़की में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 21 पहुंच गई है। उप्र की सीमा से सटे पांच गांवों में जहरीली शराब का कहर, 50 से ज्यादा बीमार, सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस तरह जहरीली शराब ने अब तक 76 लोगों की जान ले ली है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं शराब के सैंपल लैब भेज दिए गए हैं।
सहारनपुर में तो मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शनिवार 11 बजे तक यह आंकड़ा 52 तक पहुंच गई और बढ़ने के आसार बने हुए हैं। अस्पतालों में पीड़ित लोगों के भर्ती होने की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। डीएम आलोक पांडेय व एसएसपी दिनेश कुमार पी अस्पताल में ही जमे है।
दिल दहला देने वाली इस घटना से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के अधिकारी सकते में आ गए हैं। कईं गावों में मौत का मामत पसर गया है।
सहारनपुर में शुक्रवार सुबह थाना नागल के गांव उमाही में कई घरों में कोहराम मच गया। ग्रामीण रोते-बिलखते परिजनों के पास पहुंचे तो पता चला कि जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई। गांव पहुंचे डीएम-एसएसपी मौका मुआयना कर ही रहे थे कि कुछ ही देर में मालूम पड़ा कि इसी क्षेत्र के गांव सलेमपुर में भी जहरीली शराब से पांच तो ताजपुरा में तीन ग्रामीणों की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि हरिद्वार के थाना झबरेड़ा के गांव बालूपुर में तेरहवीं के एक आयोजन में शराब परोसी गई थी। इसी के पीने से लोगों की मौत हुई है। मृतकों में ज्यादातर लोग दलित समाज से हैं। पुलिस ने गागलहेड़ी और नागल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये व उपचार करा रहे प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
देवबंद में 2009 में हुई थीं 49 मौतें : देवबंद क्षेत्र में 2009 में भी ऐसा ही भयानक हादसा हुआ था। इसमें 49 लोगों ने जहरीली शराब पीने से दम तोड़ दिया था।