हादसे वाले सिलक्यारा मुहाने के पास भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के लिए जरूरी डी वाटरिंग व मलबा हटाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा था। पूजा-अर्चना करवाकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू किए गए। जिसके तहत यहां सुरंग धंसने जैसी स्थिति में बचाव के लिए सुरंग के किनारे किनारे ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है।
सिलक्यारा सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाना शुरू कर दिया गया है। भूस्खलन हादसे के बाद सुरंग निर्माण के लिए जरूरी डी वाटरिंग व भूस्खलन के मलबे को निकालने से पहले यह कार्य सुरक्षा के मध्येनजर किया जा रहा है।
बीते 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा- पोल गांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था, जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। जिन्हें 17 दिन तक चल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल निकाला गया था। इस हादसे के बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद है। 23 जनवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को स्वयं निर्माण शुरू करने की अनुमति दी।
मलबा हटाने का काम नहीं हो पा रहा था शुरू
अनुमति मिलने के बाद कार्यदायी संस्था सुरंग निर्माण के लिए सावधानी के साथ कदम बढ़ा रही है। सुरंग के बड़कोट मुहाने से निर्माण संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन हादसे वाले सिलक्यारा मुहाने के पास भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के लिए जरूरी डी वाटरिंग व मलबा हटाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा था।
गत दिवस यहां पंडित से पूजा अर्चना करवाकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू किए गए। जिसके तहत यहां सुरंग धंसने जैसी स्थिति में बचाव के लिए सुरंग के किनारे किनारे ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है। जिससे आपात स्थिति में अंदर काम करने वालों बाहर निकाला जा सकेगा। यह पाइप मलबे के करीब तक बिछाया जाएगा।
सुरक्षा के मध्येनजर ह्यूम पाइप बिछाया जा रहा है। अभी 4-5 मीटर तक ही पाइप बिछाया गया है। 40 से 50 मीटर पाइप और बिछाया जाएगा। जिसके बाद इस हिस्से में सुरंग को मजबूती देने का काम भी किया जाएगा। – कर्नल दीपक पाटिल, महाप्रबंधक एनएचआईडीसीएल ।