उज्जैन में भारतीय ज्ञानपीठ माधवनगर में स्व. कृष्ण मंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की जयंती के अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मयोगियों को कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ स्मृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी प्रेमनारायण नागर उपस्थित रहे। समारोह की विशेषता यह रही कि इस समारोह में सम्मान प्राप्त करने वालों से ज्यादा समारोह में शामिल प्रबुद्धजन प्रसन्न नजर आए। उनका कहना था कि शहर में ऐसे आयोजन कि जरूरत थी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी प्रेमनारायण नागर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने सदैव शिक्षा को केवल पुस्तकों तक सीमित न मानकर, विद्यार्थियों के जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाया। वे मानते थे कि शिक्षण का उद्देश्य तभी पूर्ण होता है, जब वह विद्यार्थी को जागरूक नागरिक और समाज का उपयोगी कर्मयोगी बनाए। उनके जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि शिक्षा और सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं और इन्हीं के माध्यम से समाज और राष्ट्र प्रगति कर सकते हैं।
ये हुए सम्मानित
कला के क्षेत्र के कर्मयोगी पद्मश्री कालूराम बामनिया की ओर से उनकी सुपुत्री अर्पिता बामनिया ने अलंकरण स्वीकार किया। शिक्षा के क्षेत्र के कर्मयोगी प्रो. नागेश्वर राव को सम्मानित किया गया। प्रशासनिक सेवा के कर्मयोगी संतोष टैगोर की ओर से उनकी बहन प्रातिभा टैगोर (संयुक्त संचालक, पेंशन, उज्जैन) ने अलंकरण स्वीकार किया। न्याय के क्षेत्र के कर्मयोगी न्यायमूर्ति उदय सिंह बहरावत को सम्मान प्रदान किया गया। चिकित्सा के क्षेत्र के कर्मयोगी डॉ. प्रेम प्रकाश अग्निहोत्री को सम्मानित किया गया।
मातृशक्ति कृष्णा कुलश्रेष्ठ ने अपने आशीर्वचन प्रदान किये। अभिनंदन पत्रों का वाचन पूर्व संयुक्त संचालक शिक्षा प्रो. बी.के. शर्मा, डॉ. अनामिका सोनी, अमिता मंडलोई, विश्वास शर्मा एवं डॉ. एस.एन. पांडे द्वारा किया गया। सम्मान की बेला में संस्थान प्रमुख युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ के साथ पुष्कर बाहेती, सुनील जैन, डॉ. पुष्पा चौरसिया, वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश व्यास, अधिवक्ता संदीप मेहता, अरुण देशपांडे, अमृता गोडबोले, डॉ. सीमा जोशी एवं यश कुलश्रेष्ठ विशेष रूप से सहभागी रहे। स्वागत उद्बोधन संस्थान की निदेशिका अमृता कुलश्रेष्ठ ने दिया।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हरीश व्यास, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिव चौरसिया, डॉ. श्रीराम दवे, शीला व्यास एवं हरि मोहन बुधौलिया, क्षमाशील मिश्रा, सोनु गेहलोत, रफीक नागोरी, पंकज चांदोरकर सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। अतिथि स्वागत का दायित्व डॉ. नीलम महाडिक, रचना श्रीवास्तव, डॉ. रश्मि शर्मा, जयनित बग्गा, चंद्रकला नाटाणी, प्रतीक उपाध्याय एवं मयूरी बैरागी द्वारा निभाया गया। कार्यक्रम का संचालन एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. गिरीश पंड्या ने किया तथा आभार प्रदर्शन वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. शैलेंद्र पाराशर ने किया।