विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को नौ दिनों तक मनाने की परंपरा है। लेकिन, इस वर्ष एक तिथि बढ़ने के कारण इस उत्सव को श्री महाकालेश्वर मंदिर में 10 दिन तक धूमधाम से मनाया जाएगा। आज से इसकी शुरुआत हो गई है।
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे हुई भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन-अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को रुद्राक्ष की माला अर्पित की गई। श्रृंगार के बाद उन्होंने भस्म रमाई, जिसके बाद भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर सोमवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी और पंचामृत से स्नान कराया गया।
प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का पूजन सामग्री से त्रिपुंड और त्रिनेत्र लगाकर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस श्रृंगार के दर्शन किए और “जय श्री महाकाल” का उद्घोष किया। इसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
आज से 10 दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व का उत्साह
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को नौ दिनों तक मनाने की परंपरा है। धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल इस नगरी के राजा हैं, और यहां मां भगवती सती का अंग भी गिरा था, इसलिए महाशिवरात्रि उत्सव यहां शिवरात्रि के रूप में भव्य रूप से मनाया जाता है। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर के कोटि तीर्थ पर विराजमान कोटेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन किया जाता है, जिसके बाद बाबा महाकाल का अभिषेक, लघु अभिषेक कर नित्य भगवान का श्रृंगार चल प्रतिमाओं के माध्यम से किया जाता है।
लेकिन, इस वर्ष एक तिथि बढ़ने के कारण इस उत्सव को श्री महाकालेश्वर मंदिर में 10 दिन तक धूमधाम से मनाया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष शिव नवरात्रि उत्सव के दौरान फाल्गुन कृष्ण पक्ष की सप्तमी 19 और 20 फरवरी दो दिनों तक है, इसलिए इस उत्सव को 10 दिन तक मनाया जाएगा।
बाबा महाकाल के 10 दिवसीय उत्सव के विशेष श्रृंगार
17 फरवरी (सोमवार) – वस्त्र धारण: शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाएगा।
18 फरवरी (मंगलवार) – दूसरा दिन: बाबा महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाएगा।
19 फरवरी (बुधवार) – शेषनाग स्वरूप: बाबा महाकाल का शेषनाग रूप में श्रृंगार किया जाएगा।
20 फरवरी (गुरुवार) – घटाटोप स्वरूप: बाबा महाकाल भक्तों को घटाटोप रूप में दर्शन देंगे।
21 फरवरी (शुक्रवार) – छबीना स्वरूप: बाबा महाकाल का छबीना श्रृंगार किया जाएगा, जो कि एक राजकुमार की तरह होगा।
22 फरवरी (शनिवार) – होल्कर स्वरूप: इस दिन बाबा महाकाल को होल्कर परंपराओं के अनुसार सजाया जाएगा।
23 फरवरी (रविवार) – मनमहेश स्वरूप: बाबा महाकाल को मनमहेश के रूप में सजाया जाएगा।
24 फरवरी (सोमवार) – उमा महेश स्वरूप: बाबा महाकाल माता पार्वती के साथ उमा-महेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
25 फरवरी (मंगलवार) – शिव तांडव स्वरूप: बाबा महाकाल शिव तांडव रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
26 फरवरी (बुधवार) – निराकार स्वरूप: शिव नवरात्रि के अंतिम दिन बाबा महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाएगा। इस दिन कई क्विंटल फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाएगा।
10 दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व के दौरान कार्यक्रम
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष शिव नवरात्रि पर्व के 10 दिवसीय आयोजन की शुरुआत आज 17 फरवरी से हो गई है। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक भगवान का नौ रूपों में आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। सुबह 8 बजे पुजारी कोटि तीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन कर हल्दी चढ़ाएंगे।
करीब डेढ़ घंटे के पूजन के उपरांत सुबह 9:30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा होगी। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्रपाठ किया जाएगा। दोपहर 1 बजे भोग आरती होगी। तीन बजे संध्या पूजा के बाद 10 दिन तक भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया जाएगा।