तराना में पदस्थ रहे पटवारी बाबूलाल गोमर निवासी इंदिरा नगर की आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष न्यायालय इंदौर के पीठासीन अधिकारी विशेष न्यायाधीश ओमप्रकाश रजक ने दोष सिद्धि का निर्णय पारित करते हुए आरोपी को चार वर्ष का कारावास एवं 26 लाख 50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त के बसंत श्रीवास्तव ने जानकारी देते बताया कि लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने इंदिरानगर स्थित निवास पर 26 मार्च 2012 को छापामार कार्रवाई करते हुए पटवारी बाबूलाल गोमर पिता शंकरलाल की अनुपातहीन संपत्ति पकड़ी थी। आरोपी 1990 में इस सेवा में आया और उज्जैन जिले के नागदा व तराना तहसीलों में पदस्थ रहा।
सेवा अवधि में आरोपी की कुल आय 15 लाख 51 हजार रुपए होती है, जबकि छापे में उसके यहां से 1 करोड़ 85 हजार रुपए कीमत की संपत्ति पाई गई थी। इस पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। अनुसंधान में भ्रष्टाचार से कमाई से आरोपी की संपत्ति 84 लाख 94 हजार रुपए पाई। ठीक इसी मामले में विशेष न्यायालय इंदौर के पीठासिनी अधिकारी विशेष न्यायाधीश ओमप्रकाश रजक ने दोष सिद्धि का निर्णय पारित करते हुए आरोपी पटवारी बाबूलाल पिता शंकरलाल को 4 वर्ष का कारावास एवं 26 लाख 50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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