ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धातुओं और ग्रहों का धनिष्ठ संबंध है। यदि ग्रह विपरीत हो, तो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक असर होता है। शुभ-अशुभ फल के पीछे भी यही ग्रह कारक होते हैं। ग्रह संबंधी धातु धारण करने से यह शांत हो जाते हैं।
धातुओं में तांबा शुद्ध व शांत धातु मानी गई है। इसका संबंध मंगल व सूर्य से है। यदि सूर्य या मंगल कमजोर हो, तो तांबे की अंगूठी या छल्ला धारण करने से लाभ होता है। इसे धारण करने से असर जल्द ही दिखने लगता है।
तांबे का संबंध सूर्य से होता है और सूर्य को यश और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। तांबे की अंगूठी धारण करने से व्यक्ति को समाज में पद-प्रतिष्ठा और सम्मान की प्राप्ति भी होती है। यह मनुष्य की प्रसिद्धि को बढ़ाने में भी सहायक होती है।
यदि कुंडली में सूर्य दोष हो, तो तांबे की अंगूठी को रिंग फिंगर में पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि यह धातु शांत प्रकृति की होती है और गर्मी दूर करती है। तांबा धारण करने से मन को शांति मिलती है।
जिस व्यक्ति को मानसिक विकार हो या गुस्सा अधिक आता हो, उसे तांबा धारण करना चाहिए। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, तांबा वास्तुदोष को भी दूर करता है। इससे बने बर्तन या आभूषण यदि घर मे हों, तो घर का माहौल शांतिपूर्ण बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
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