ईस्टर के दिन कई जगहों पर हुए विस्फोट और 350 से ज्यादा लोगों की जान जाने के बाद श्रीलंका बुर्के पहनने पर बैन लगा सकता है. हमले के बाद जांच के दौरान संदिग्धों और अन्य सबूतों से हमले में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं. इस हमले में 500 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए.डेली मिरर ने सूत्रों के हवाले से कहा कि श्रीलंकाई सरकार मस्जिद अधिकारियों से विचार-विमर्श करके इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है.
1990 की शुरुआत में खाड़ी युद्ध तक श्रीलंका में मुस्लिम महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा में बुर्का और नकाब कभी शामिल नहीं था, लेकिन खाड़ी युद्ध के समय चरमपंथी तत्वों ने मुस्लिम महिलाओं के लिए पर्दा शुरू किया. इस रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा सूत्रों ने बताया कि डेमाटागोडा में घटनाओं में शामिल रही कई महिलाएं भी बुर्का पहनकर भाग गई. श्रीलंका की सरकार अपने देश में बुर्का पर प्रतिबंध लगाती है तो वह एशिया, अफ्रीका और यूरोप में उन चंद देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिन्होंने आतंकवादियों को पुलिस से बचने या विस्फोटकों को छिपाने के लिए बुर्का का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए ऐसा किया.
डेली मिरर अखबार के अनुसार, चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है.श्रीलंका पुलिस के अनुसार, बुधवार तड़के कम से कम 18 और संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया. वारकापोला में एक घर से पुलिस ने चार वॉकी-टॉकी और एक मोटरसाइकिल बरामद की है जो यहां से लगभग 56 किलोमीटर दूर है. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मारे गए लोगों में कम से कम 34 विदेशी नागरिक हैं. श्रीलंका में कई जगहों पर हुए बम धमाकों में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो अब बढ़कर 359 हो गई है, जिसमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. पुलिस प्रवक्ता रुवान गुनसेकरा ने कहा कि अब तक 58 संदिग्ध लोगों को देश के कई क्षेत्रों से गिरफ्तार किया जा चुका है. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मंगलवार को इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी.