ईरान में कोरोना वायरस का संक्रमण अफने चरम पर पहुंच गया है। तेहरान समेत देश भर में कोरोना प्रतिबंधों को बढ़ा दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हर चार मिनट में वायरस से एक मौत हो रही है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, जिससे हालात इतने खराब हो गए हैं कि नए मरीजों को इलाज के लिए बेड तक नहीं मिल पा रहा है।

राष्ट्रीय कोरोना वायरस टास्क फोर्स के प्रमुख ने लोगों से प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले 24 घंटों में 337 नई मौतें और 5,960 नए मामले दर्ज किए है। तेहरान स्कूलों, मस्जिदों, दुकानों, रेस्तरां और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
वहीं, इस संकट के बीच देश के स्वास्थ्य मंत्री ने बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सईद नमाकी ने राजधानी तेहरान के लिए सरकार के नये निर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कहा था कि जो भी मास्क नहीं पहने, उससे जुर्माना वसूला जाए। लेकिन पता लगाइए कि कितने लोगों पर जुर्माना लगाया गया।
नमाकी ने मरीजों से अस्पतालों के भरे होने का जिक्र करते हुए वायरस संक्रमण का प्रकोप फिर से फैलने के लिए सरकार पर उंगली उठाई। जबकि सरकारी अधिकारियों प्रतिबंधों के उल्लंघन के लिए लगातार जनता को दोषी ठहरा रहे हैं। एक समाचार एजेंसी ने नमाकी के हवाले से कहा, ‘हमें लोगों में बेवजह घबराहट पैदा नहीं करनी चाहिए। हमें कभी भी यह घोषणा नहीं करनी चाहिए कि अस्पतालों में खाली बेड नहीं हैं। हमारे यहां रिक्त बेड हैं।’
पश्चिम एशिया में कोरोना वायरस के कारण अब तक कथित तौर पर 32,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने हाल में कहा था कि यह संख्या वास्तव में ढाई गुना अधिक हो सकती है। कुछ विशेषज्ञों ने ईरान के आधिकारिक कोरोना वायरस टोल की सटीकता पर संदेह किया है। अप्रैल में ईरानी पार्लियामेंट के रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट ने कहा था कि कोरोनो वायरस टोल मंत्रालय द्वारा घोषित किए गए लगभग दोगुने हो सकते हैं।
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