ईरान ने परमाणु समझौते का किया उल्लंघन, दक्षिण कोरिया के टैंकर पर किया कब्जा

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के मात्र कुछ दिन बचे होने का फायदा उठाते हुए ईरान ने सोमवार को पश्चिमी जगत को दोहरी चुनौती दी। डंके की चोट पर जहां उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को गति देते हुए यूरेनियम को 20 फीसद एनरिच (संवर्धित) करने का काम शुरू कर दिया वहीं दक्षिण कोरिया के मालवाहक जहाज को जबरन अपने कब्जे में ले लिया। समझा जाता है ईरान ने कोरियाई बैंकों में अपने खातों पर लगाई गई रोक हटवाने के लिए यह कदम उठाया है।

जानकारी के अनुसार ईरान ने अपने भूमिगत फोर्दो परमाणु संयंत्र में यूरेनियम को बीस फीसद शुद्धता तक संवर्धित करना शुरू कर दिया है। तेहरान द्वारा उठाए गए इस कदम को अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते का सबसे बड़ा उल्लंघन माना जा रहा है। परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम को 90 फीसद तक शुद्ध करना होता है। लेकिन वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत ईरान यूरेनियम को सिर्फ चार फीसद तक ही संवíधत कर सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर करते हुए उस पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे। सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने सोमवार को प्रवक्ता अली रबाई के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति हसन रूहानी के आदेश के बाद फोर्दो परमाणु संयंत्र में यूरेनियम को संवर्धित करने का काम शुरू हो गया है। बता दें कि एक जनवरी को परमाणु मामलों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आइएईए) ने कहा था कि तेहरान ने उसे बताया है कि वह अपने फोर्दो में यूरेनियम को 20 फीसद तक संवर्धित करने की योजना बना रहा है। हालांकि तब उसने यह नहीं बताया था कि वह ऐसा कब से शुरू करेगा।

उधर एक अन्य खबर के अनुसार ईरान के सुरक्षा बल नेशनल रिवल्यूशनरी गा‌र्ड्स ने ओमान के तट के निकट दक्षिण कोरिया के टैंकर हांकुक केमी को कब्जे में ले लिया। जहाज पर 72 हजार टन एथनाल लदा है। समुद्र में प्रदूषण फैलाने के आरोप में जहाज पर सवार 20 सदस्यीय चालक दल को भी हिरासत में ले लिया गया है। चालक दल में द.कोरिया, वियतनाम और म्यांमार के नागरिक शामिल हैं। ईरान ने यह कार्रवाई दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री के तेहरान दौरे से कुछ दिन पूर्व की है। ईरान के कई टीवी चैनलों ने यह खबर दिखाई है। समझा जा रहा है ईरान ने दक्षिण कोरियाई बैंकों में अपने खाते फ्रीज किए जाने के विरोध में यह दुस्साहस किया है। द.कोरिया ने अमेरिका के दबाव में ईरान के खातों पर रोक लगा रखी है। इन खातों में ईरान के करीब सात अरब डालर फंसे हैं। बहरीन स्थित अमेरिकी नौसेना का पांचवा बेड़ा इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।

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