Apple के कुछ वायरलेस ईयरबड्स AirPods को अब हियरिंग एड (सुनने की मशीन) की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सब कुछ संभव हुआ है एपल ने इस सॉफ्टवेयर को अपी एडवांस ऑडियो लैब में एकोस्टिक इंजीनियर्स के साथ मिलकर तैयार किया है। AirPods Pro को माइल्ड (हल्के) से मॉडरेट (मध्यम) रेंज के हियरिंग लॉस में क्लिनिकल-ग्रेड हियरिंग एड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
Apple के नए सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ कुछ AirPods को अब हियरिंग एड (सुनने की मशीन) की तरह यूज किया जा सकता है। अनुमान है कि अमेरिका में करीब 30 मिलियन लोग – 12 वर्ष से अधिक आयु के 8 अमेरिकियों में से 1 – दोनों कानों में सुनने की क्षमता खो चुके हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन डेफनेस एंड अदर कम्युनिकेशन डिसऑर्डर के अनुसार, लाखों लोगों को इस हियरिंग एड से फायदा होगा। इनमें से ज्यादातर लोगों ने हियरिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं किया है। कई सारे लोगों ने हियरिंग एड को आजमाया है, लेकिन, लागत, खराब गुणवत्ता, खराब फिटनेस और लुक के चलते लोग इनका यूज नहीं करते हैं।
एपल ने कैसे किया कमाल
एपल ने अपनी एडवांस ऑडियो लैब में एकोस्टिक इंजीनियर्स के साथ मिलकर इस फीचर पर काम किया है। एपल ने कई सालों की रिसर्च के बाद अपने एयरपॉड्स के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है, जो रिफ्लेक्टिव साउंड और बाहरी नॉइस को अलग करने में सक्षम है। इस सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए AirPods Pro 2 को हियरिंग एड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इन्वायरमेंटल नॉइस को कम करके लोगों को सुनने की क्षमता को बेहतर करते हैं। AirPods Pro को माइल्ड (हल्के) से मॉडरेट (मध्यम) रेंज के हियरिंग लॉस में क्लिनिकल-ग्रेड हियरिंग एड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
एपल के हेल्थ वॉइस प्रेसिडेंट सुम्बुल देसाई कहते हैं कि हस इंसान की सुनने की क्षमता अलग-अलग होती है। हमने ऐसा इनोवेटिव और एंड-टू-एंड हेल्थ हियरिंग एक्सपीरियंस देने वाला एड बनाया है, जो अलग-अलग यूजर्स को अलग-अलग एक्सपीरियंस ऑफर करता है। हियरिंग एड फीचर के साथ कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो इतना सजह हो कि ये यूजर को अनकी इंद्रियों का विस्तार जैसा लगे।
एपल के हियरिंग हेल्थ के प्रमुख इंजीनियर कुबा मजूर कहते हैं कि अपनी हियरिंग टेस्ट फीचर में हम सबसे शांत साउंड सुन सकते हैं। इसके साथ ही हियरिंग एड फीचर के लिए शोरगुल वाले रेस्तरां में स्पीच और यहां तक कि म्युजिक कॉन्सर्ट में हियरिंग प्रोटेक्शन ऑफर कर सकते हैं। अपनी एकोस्टिक फेसिलिटी में हम हर रेंज की साउंड को माप सकते हैं।
क्लीनिकल ग्रेड ऑडियोमेट्री टेस्ट
एपल ने एयरपॉड के सॉफ्टवेयर बेस्ड हियरिंग फीचर के लिए अपनी ऑडियो लैब में कई टेस्ट किए हैं। इसमें क्लीनिकल ग्रेड ऑडियोमेट्री टेस्ट भी शामिल थे। इसके साथ ही कंपनी ने एयरपॉड के डिजाइन में भी बदलाव किए हैं, जो हियरिंग एड फीचर में काफी महत्वपूर्ण है। कंपनी ने टेस्ट के लिए वन की एक्सपीरियंस ऑफर करती है। कंपनी ने इसे तैयार करने में हियरिंग टेस्ट और हियरिंग एड सेटअप को काफी आसान बनाया है। यानी लोगों को बार-बार डॉक्टर के पास जाने की जरूर नहीं होगी।