ईमामी समूह ने अपने सीमेंट कारोबार में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी निरमा समूह की नुवोको विस्टाज कॉरपोरेशन लिमिटेड को बेचने के लिये समझौता किया है. यह सौदा 5,500 करोड़ रुपये का है. इस कदम से समूह को अपने कर्ज में कमी लाने में मदद मिलेगी.

गौरतलब है कि समूह के ऊपर करीब 2,600 करोड़ रुपये का कर्ज है. ईमामी समूह के निदेशक मनीष गोयनका ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘यह सौदा हमारे समूह के कर्ज मुक्त होने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इस सौदे के साथ हम उस लक्ष्य को काफी हद तक पूरा कर पाएंगे.’
इमामी और नुवोको की डील को कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया समेत अन्य रेग्युलेटरी मंजूरियों की जरूरत होगी. डील की प्रक्रिया अगले 3-4 महीने में पूरी होने की उम्मीद है.
ईमामी समूह के 80 लाख टन सालाना क्षमता के सीमेंट कारोबार को खरीदने के लिए आदित्य बिड़ला समूह की प्रमुख कंपनी अल्ट्राटेक, नुवोको विस्टाज (पूर्व में निरमा सीमेंट), लफार्ज होलासिम कंपनी और स्टार सीमेंट दौड़ में शामिल थी. ईमामी सीमेंट एक एकीकृत कारखाना और तीन ग्राइंडिंग यूनिट का परिचालन करती है.
कंपनी का पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार में सीमेंट कारोबार है. यह सौदा कुछ मंजूरी पर निर्भर है और इसके अगले तीन-चार महीनों में पूरा होने की संभावना है. नुवको चेयरमैन हिरेन पटेल ने कहा, ‘ईमामी सीमेंट हमारे सीमेंट कारोबार को अगले स्तर तक ले जाएगा. इससे नुवको की कुल सीमेंट क्षमता बढ़कर 2.35 करोड़ टन हो जाएगी.’
गौरतलब है कि कई साल पहले देश की सबसे बड़ी सोडा ऐश मैन्युफैक्चरर लेकिन छोटी और क्षेत्रीय सीमेंट कंपनी निरमा, अजय पिरामल और सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू सीमेंट जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़कर लाफार्ज का भारतीय सीमेंट बिजनस अपने नाम किया था.
लाफार्ज के पास देश में सालाना 1.1 करोड़ टन सीमेंट प्रॉडक्शन की कपैसिटी थी. 9,400 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर निरमा ने तब यह डील किया था. लाफार्ज के बिजनेस के लिए 30 से अधिक दावेदार थे. सीसीआई ने कई बड़ी कंपनियों और जाने-माने प्राइवेट इक्विटी फंड्स के इस डील का हिस्सा बनने पर रोक लगा दी थी.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal