प्रदूषण से अभी तक बड़ी राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित प्रदूषणरोधी प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में कोयला आधारित उद्योगों पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाकर 11 नवंबर कर दी है। इस दौरान हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर उद्योग भी बंद रहेंगे।
इस महीने की शुरुआत से ही राजधानी में खतरनाक स्तर तक पहुंचे प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए शीर्ष अदालत ने 4 नवंबर को सभी तरह के निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।
ईपीसीए प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि कोयले व अन्य प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन पर आधारित उद्योग इकाइयां फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ़, भिवाणी, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और पानीपत क्षेत्रों में 11 नवंबर तक बंद रहेंगी। दिल्ली में भी पीएनजी का इस्तेमाल नहीं करने वाली इकाइयों पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा।
भूरे लाल ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अगुवाई वाले टास्क फोर्स ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर की समीक्षा के बाद अगले 48 घंटों में कोई बड़ी राहत नहीं मिलने का अनुमान जताया है।
पिछले सप्ताह ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए कहा था कि खराब मौसम के साथ पटाखों के धुएं और पराली जलाने से दिल्ली में प्रद्रूषण का स्तर चेतावनी के स्तर को पार कर गया है।