दिल्ली के शाहीन बाग की मार्केट करीब 5 महीने बाद अब खुल गई है. पहले CAA और NRC के विरोध को लेकर उसके बाद कोरोना की वजह से लगातार 5 महीने बाद दुकानों को खोला गया है. लेकिन दुकानदारों को अब ग्राहकों का इंतज़ार है.
दरसअल दिल्ली का शाहीन बाग उस समय सुर्खियों में आया जब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यहां के लोगों ने प्रदर्शन शुरू किया और शाहीन बाग की मेन सड़क को बंद कर दिया.
सड़क बंद हो जाने की वजह से लोगों को अपनी दुकानें भी बंद करनी पड़ी. सरकार ने पूरी कोशिश की कि शाहीन बाग वाले रास्ते को खुलवाया जाए लेकिन ये हो न सका क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठे लोग सरकार की एक भी बात मानने को तैयार नहीं थे.
सड़क बंद होने का खमियाजा यहां के दुकानदारों को भुगतना पड़ा और उन्हें लाखों का नुकसान हुआ. प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग की ये मार्केट करीब 100 दिन तक बंद रही और उसके बाद मार्केट लॉकडाउन की वजह से बंद हो गया. अब ये मार्केट करीब 5 महीने बाद खुला है लेकिन ना तो यहां पर ग्राहक नजर आ रहे हैं और ना ही दुकानों में काम करने वाले लोग.
शाहीन बाग मार्केट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ नासिर ने बताया कि इन 5 महीनों में यहां के व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.
ईद का सीजन होने के बावजूद कोई भी कस्टमर नहीं है. डॉ नासिर की मानें तो सिर्फ कस्टमर ही नहीं बल्कि दुकानों में काम करने वाला स्टाफ भी अब चला गया है. दिल्ली में इस पूरी मार्केट ने सबसे ज्यादा नुकसान झेला है.
शाहीन बाग की इस मार्केट में करीब 150 दुकानें है जिसमें डेढ़ से दो हज़ार कर्मचारी काम कर रहे थे अब 30 प्रतिशत ही स्टाफ बचा है. दिल्ली सरकार के आदेश के बाद इस मार्केट में ऑड-इवन की तर्ज पर ही दुकानें खुल रही है.
सामाजिक दूरी को बरकरार रखने के लिए दुकानदारों ने बकायदा निशान भी लगाए है. अब बस इन सब इन दुकानदारों को ग्राहकों के आने का इंतजार है. ताकि जो नुकसान हुआ है उसकी कुछ तो भरपाई हो सके.