राम रहीम अपने डेरे में साध्वियों से कैसे घिनौने काम करवाता था. इसकी दास्तान जब दो बहनों ने सीबीआई अफसरों को बताई तो उनके रौंगटे खड़े हो गए. बाबा को सजा दिलाने में जिन दो बहनों की गवाही ने अहम रोल निभाया उनमें से एक बहन राम रहीम के स्कूल में टीचर थी.
बता दें कि 4मई 2006 को फतेहाबाद की पूर्व साध्वी का स्टेटमेंट सीबीआई ने रिकार्ड किया. उसने बताया कि, ‘1998 में मैं बतौर साध्वी डेरा से जुड़ी. इसके बाद मैं राम रहीम के शाह सतनाम जी स्कूल में टीचर बनी. कुछ दिनों बाद मुझे देख मेरी सगी बहन भी साध्वी बनकर डेरा से जुड़ गई. शुरुआत से ही बाबा हम दोनों पर गंदी नजर रखता था. उसने हम दोनों के नाम बदलकर नाजम और तस्लीम रख दिया.
लगाता था नाइट शिफ्ट
बाबा गर्ल्स हॉस्टल के बगल में अपनी गुफा में रहता था. गुफा के बाहर वह साध्वियों को नाइट शिफ्ट में रखता था. उस वक्त ड्यूटी रात 8 बजे से 12 और 12 बजे से सुबह 4 बजे दो शिफ्टों में थी. मेरी बहन को भी बाबा ने नाइट शिफ्ट में रखा था. एक दिन उसने मेरी बहन को रात 10 बजे गुफा में बुलाया गया और उसके साथ रेप किया. वह चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने बाबा के आगे हिम्मत नहीं जुटाई.
थोड़ी देर बाद मेरी बहन रोती हुई गुफा से निकली और हॉस्टल चली गई. अपने साथ हुई दरिंदगी को वो डेरा में रहते हुए कभी बयां नहीं कर सकी. उसने कई दिनों तक अपने मन में बात दबाए रखी. एक दिन जब हम साथ थे तो उसका दर्द छलक पड़ा. उसने बताया कि बाबा ने मेरे साथ बलात्कार किया.
बाबा की दरिंदगी पता लगी तो जागे घर वाले…
इस बीच कुरुक्षेत्र की साध्वी के भाई और सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के बाद हमारे परिवार वाले और डर गए. इसी डर के चलते बहन की मई 2000 में उसकी शादी हो गई. लेकिन सीबीआई ने केस की जांच शुरू की तो राम रहीम की करतूत सामने आ गई.