कमर पर हाथ क्यों रखते है कान्हा:
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क्या है इसकी कहानी:
इसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी है कि भगवान मंदिर में ऐसे अपने भक्त के कहने पर खड़े हुए थे। भगवान कृष्ण के एक भक्त थे पुण्डरीक। वह जिस तरह भगवान कृष्ण की भक्ति करते थे वैसे ही अपने माता-पिता कि सेवा भी करते थे। इस बात से खुश होकर एक बार भगवान कृष्ण उन्हें अपनी पत्नी के साथ दर्शन देने के लिए गए थे। उस समय पुण्डरीक अपने पिता के पैर दबा रहे थे।
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उस दौरान अपने पिता की नींद को खराब ना करने के बारे में सोचकर पुण्डरीक ने कान्हा की दी आवाज को सुना और कोई जवाब ना देते हुए अपने पास राखी ईंट उनकी तरफ खिसकाते हुए कहा कि ‘आप थोड़ी देर खड़े रहे मेरे पिता सो जाएंगे तो मैं आपसे बात करूँगा’। उसके बाद कान्हा वहीं खड़े हो गए और पुण्डरीक अपने पिता के पैर दबाने में लीन रहे।
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वहीं रह गए भगवान :
उन्होंने भगवान से कहा कि वह हमेशा के लिए वहीं विराजमान हो जाए और इस बात को भगवान ने मान लिया और वह वहीं विराजमान हो गए। भगवान का वह मंदिर महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में स्थित है।