हिन्दू पंचाग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहते हैं। साल में 12 शिवरात्रि आती हैं, लेकिन इन 12 शिवरात्रि में से 2 शिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना जाता है। फाल्गुल मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं और सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है। ज्योतिषाचार्या एवं वास्तुविद् डॉ. आरती दहिया के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस बार सावन शिवरात्रि 6 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
शिवरात्रि पूजा महत्व
सावन शिवरात्रि के दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ मां गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सावन शिवरात्रि 2021 शुभ मुहूर्त
सावन शिवरात्रि व्रत तिथि: शुक्रवार, 6 अगस्त 2021
शिवरात्रि पूजा अवधि: केवल 43 मिनट तक (निशिता काल पूजा का समय देर रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक है)
शिवरात्रि व्रत पारण समय: शनिवार 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक।
सावन शिवरात्रि का दिन अत्यंत पावन होता है। इस अवसर पर शिव जी को बेलपत्र, गंगाजल, गाय का दूध, भांग, मदार, शमीपत्र, सफेद चंदन, सफेद पुष्प आदि अर्पित करना उत्तम रहता है। माता पार्वती की पूजा करते समय उनको अक्षत्, पुष्प, फल, धूप आदि के साथ सुहाग की सामग्री चढ़ानी चाहिए।