इस बहुचर्चित मंदिर में दर्शन के लिए ज़िद पर अड़ीं तृप्ति, प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट पर रोका, धारा 144 लागू

केरल ( Kerala ) के बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर ( Sabarimala Temple ) में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को दो महीने के लिए मंदिर के द्वार फिर खुल रहे हैं, लेकिन गुरुवार रात से ही वहां 22 नवंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसमें प्रवेश के लिए सामाजिक कार्यकर्ता और भूमाता ब्रिगेड की संस्‍थापक तृप्ति देसाई केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी हैं। हालांकि उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उनके विरोध में हजारों लोग एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि तृप्ति देसाई मंदिर की शांति और व्यवस्था में विघ्न पहुंचाना चाह रही हैं। विरोधी प्रदर्शनकारियों के नेता राहुल ईश्वर का कहना है कि तृप्ति को दर्शन करने से पहले विरोधी कार्यकर्ताओं के लाशों से गुजरना होगा। तृप्ति देसाई ( Trupti Desai ) ने ऐलान किया था कि वो आज मंदिर में दाखिल होंगी और भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी। 

कई प्रदर्शनकारियों ने तृप्ति देसाई को बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दे चुके हैं। कई लोगों ने कहा है कि अगर तृप्ति देसाई ऐसा करती हैं तो वे लोग सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। बहरहाल पूरे क्षेत्र में माहौल काफी खराब है। इससे पहले तृप्ति देसाई सुबह 4ः30 बजे ही कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंच गईं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हमने टैक्सी बुक की तो ड्राइवर्स को धमकी दी गई कि उनके गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जाएगा।

तृप्ति देसाई ने कहा कि पुलिस के साथ उन्होंने दूसरे गेट से प्रवेश करने का फैसला किया लेकिन दूसरे गेट पर भी प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। वह बिना दर्शन किए इस बार नहीं जाने वाली हैं।

विवाद के बीच तृप्ति देसाई ने केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन को एक पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। आपको बता दें कि तृप्ति काफी समय से स्त्रियों के मंदिरों में भेदभाव को लेकर एक मुहिम चला रखी हैं। कुछ समय पहले उनके द्वारा 400 साल पुरानी शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आवाज उठाई गयी थी।

केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने गुरूवार को कहा कि सबरीमाला मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद रात में मंदिर परिसर में ठहरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में मंदिर और आसपास पुलिस की मौजूदगी दोगुना कर दी गयी है। बेस कैंप निलक्कल में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के बाद बेहरा ने संवाददाताओं से कहा कि मंदिर परिसर में किसी को ठहरने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तथा इस महीने मासिक पूजा के लिए कपाट खुलने पर मंदिर के आसपास प्रदर्शन के कारण वाजिब पाबंदी लगाने का फैसला किया गया। बेहरा ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को उनकी वापसी के पहले दर्शन करने का मौका जरूर दिया जाएगा। 

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