4 फरवरी को है मौनी अमावस्या। यह अमावस्या माघ मास में आती है, इसलिए इसे माघी अमवास्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या पर मौन रहकर व्रत किया जाता है। सोमवार को मौनी अमावस्या सूर्योदय से लेकर रात को 2 बज कर 33 मिनट तक इस व्रत की पूजा का समय रहेगा। इस बार यह अमावस्या सोमवार को है तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है।

अमावस्या तिथि – सोमवार, 4 फरवरी 2019
अमावस्या तिथि आरंभ – 23:52 बजे से (3 फरवरी 2019)
अमावस्या तिथि समाप्त – 02:33 बजे (5 फरवरी 2019)
इतना ही नहीं, मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति भी मिलती है। मौनी अमावस्या पर किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलेगा। इस दिन में कुंभ में भी शाही स्नान होता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है। इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिये। श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान। इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।
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