नवरात्र का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माता रानी की विधिपूर्वक पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन की व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह व्रत अधूरा माना गया है। कहते हैं कि इस कथा (Chaitra Navratri 2025 3rd Day Katha) के प्रभाव से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की आराधना का विशेष महत्व है। मां दुर्गा का यह स्वरूप बेहद सौम्य और ममतामयी है, जो लोग इस दिन कठिन व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। इस साल चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन यानी आज 01 अप्रैल 2025, मंगलवार को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। वहीं, यह व्रत मां चंद्रघंटा की कथा (Chaitra Navratri 2025 3rd Day Katha) के बिना अधूरा माना जाता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं। ताकि मां की पूर्ण कृपा प्राप्त हो सके।
मां चंद्रघंटा की कथा (Maa Chandraghanta Vrat Katha)
प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, दानवों के बढ़ते आतंक को खत्म करने के लिए देवी दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का स्वरूप धारण किया। महिषासुर राक्षस ने देवराज इंद्र का सिंहासन उनसे छीन लिया था और स्वर्गलोक में राज करना चाहता था। उसकी इस इच्छा को जानकर सभी देवी-देवता चिंतित हो गए। इस समस्या में देवी-देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मदद मांगी। उनकी इस बात को सुनकर त्रिदेव क्रोधित हुए। इस क्रोध के चलते तीनों के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई उससे एक देवी का जन्म हुआ। देवों के देव महादेव ने त्रिशूल और विष्णु जी ने अपना चक्र प्रदान किया। इसी तरह से सभी देवी-देवताओं ने भी माता को अपना-अपना अस्त्र सौंप दिए। वहीं, स्वर्ग नरेश इंद्र ने मां को अपना एक घंटा दिया।
इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध करने के लिए उनका सामना किया। महिषासुर को मां के इस रूप को देख अहसास हुआ कि इसका काल नजदीक है। महिषासुर ने माता रानी पर हमला बोल दिया। फिर मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का संहार कर दिया। इस प्रकार मां ने देवताओं की रक्षा की।
चैत्र नवरात्र दिन तीसरा पूजा मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Day 3 Puja Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11 बजकर 06 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही रवि योग सुबह 11 बजकर 06 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप मां की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।