इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक पर शिकंजा अब कसने लगा है। मलेशिया सरकार ने जाकिर नाइक को भाषण देने पर रोक लगा दी है। वैसे अब मलेशिया में भी जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की बातें सामने आने लगी हैं।
मलेशिया के मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने कुछ ही दिन पहले जाकिर नाइक को भारत को सौंपे जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक समाज में घृणा फैलाने की साजिश रच रहा है। उसके कार्यों को देखकर नहीं लगता कि वह मलेशिया में रहने का हकदार है।
मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम. कुलसेगरन के उक्त बयान के बाद ही वहां के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ने कहा है कि विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक से मलेशिया के स्थायी निवासी (पर्मानेंट रेजिडेंट) होने का दर्जा वापस लिया जा सकता है।
इस बयान के संकेत बिल्कुल साफ हैं कि आने वाले दिनों में जाकिर नाइक की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि यदि यह साबित हो गया कि नाइक की गतिविधियां उनके देश के लिए नुकसानदेह हैं तो उक्त कार्रवाई करने से परहेज नहीं करेगी।
मलेशिया सरकार द्वारा की उठाए गए कदमों से जाकिर नाइक घबरा गया है। उसने अपने विवादित बयानों को लेकर माफी मांगी है। उसने कहा है कि वह नस्लवादी नहीं है। उसके बयानों को गलत संदर्भों में लिया गया और गलत तरीके से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। जाकिर ने कहा, ‘भले ही मैंने अपना स्पष्टिकरण दे दिया है। मैं समझता हूं कि मुझे हर किसी से मांफी मांगनी चाहिए जिन्हें ठेस पहुंची है।
भारत से भागने के बाद जाकिर नाइक पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहा है। जाकिर पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं।मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीनी लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करके देश की शांति भंग करने का आरोप है। उसने कहा था कि मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों से बेहतर है। जबकि नाइक ने मलेशियाई चीनियों से कहा था कि वह पहले यह देश छोड़कर चले जाएं, क्योंकि वह यहां के सबसे पुराने मेहमान हैं।