उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के साइंटिस्टस ने सेटेलाइट पिक्चर से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया।

चमोली में आपदा प्राभावितों के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन की एक हजार किट तैयार की है। जिसमें आटा, दाल, चीनी, चायपत्ती, नमक, मोमबत्ती, माचिस, तेल , मसाले, साबुन आदि रखा गया है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने काफी इलाके तबाह कर दिए हैं. आज प्रशासन का जोर राहत-बचाव कार्यों पर है. तपोवन की दूसरी सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिशें हो रही हैं.
आपदा के बाद से 202 लोग लापता हैं और कुल 19 शव बरामद हुए हैं. सोमवार को केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भी घटना स्थल का दौरा किया.
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