इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद अब दूसरे अफसर भी निशाने पर आ गए हैं। अब राष्ट्रीय महिला आयोग से रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल और परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामेंद्र सिंह की शिकायत की गई है। यह जानकारी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पत्रकार वार्ता में दी। उधर राष्ट्रपति द्वारा कुलपति का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद इविवि के छात्रों व छात्राओं के एक वर्ग में खुशी का माहौल है।
परीक्षा नियंत्रक पर एक शोध छात्रा ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था : ऋचा
ऋचा सिंह ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामेंद्र सिंह पर एक शोध छात्रा ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। साथ ही रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल पर भी यौन उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज है। ऋचा ने इन दोनों प्रशासनिक अफसरों से भी इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कुलपति के केवल इस्तीफा देने से काम नहीं चलेगा। उनके खिलाफ कानूनी तौर पर निष्पक्ष जांच के बाद कार्रवाई भी होनी चाहिए। उन्होंने प्रवेश परीक्षा के दौरान गोलमाल कर एक निजी कंपनी को साढ़े तीन करोड़ रुपये देने और पुरा छात्र रंजीत टोपा की ओर से दान में दी रकम में गोलमाल की जांच करने की मांग की है। ऋचा ने पत्राचार कर्मियों के लिए फिर से विभाग खोलने की मांग की है। उन्होंने हॉस्टलों की फीस कम करने और मेस की फीस केवल उन्हीं छात्राओं से लेने की मांग की है, जो मेस में भोजन करें।
निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने छात्रसंघ बहाली की मांग की
निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने छात्रसंघ बहाली की मांग की है। पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने छात्रसंघ भवन का ताला खोलने की मांग की है। इस दौरान निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई वापस लेने की मांग करते हुए ऋचा ने संयुक्त संघर्ष समिति की उपलब्ध्यिां भी गिनाईं।
इविवि संयुक्त संघर्ष समिति ने राष्ट्रपति के फैसले का किया स्वागत
इलाहाबाद विश्वविद्यालय संयुक्त संघर्ष समिति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का आभार जताया है। समिति ने मुरली मनोहर जोशी, सांसद विनोद सोनकर, सांसद केसरी देवी पटेल का आभार व्यक्त किया। समिति ने मंत्रालय से नए कुलपति की नियुक्ति की अपील की। इस दौरान प्रो. राधाकांत नायडू, प्रो. रंजना कक्कड़, प्रो. राम किशोर शास्त्री, प्रो. महेश चट्टोपाध्याय, प्रो. विनय चंद्र पांडेय, प्रो. अरुण श्रीवास्तव, प्रो. राम चरण त्रिपाठी, डॉ. हेमलता श्रीवास्तव, टीपी सिंह, बादल चटर्जी, कृपा शंकर, आरके ओझा, केसरी नाथ द्विवेदी, डॉ. सुनील सिन्हा, डॉ. प्रदीप वर्मा आदि शामिल रहे।