जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तानी हुक्मरानों की बेचैनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इमरान खान की सरकार (Imran Khan government) ने बुधवार को कश्मीर के मसले पर अपने मुल्क में एक नया झूछ फैला दिया। हालांकि, यह झूठ उस वक्त तार तार हो गया जब समाचार एजेंसियों ने असलियत को दुनिया के सामने रख दिया।
दरअसल, इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान में अपने सरकारी रेडियो चैनल के जरिए यह दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर एक गोपनीय अनौपचारिक बहस किया। रेडियो चैनल ने अपने विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक क्लोज सेशन में चीन ने जम्मू-कश्मीर के मसले को उठाया।
यही नहीं पाकिस्तानी सरकार के रेडियो ने अपने वेब पोर्टल पर कहा कि बीते पांच अगस्त के बाद यह दूसरी बार है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्मू-कश्मीर के हालातों पर मंथन किया है। इमरान सरकार ने यह भी दावा किया कि बैठक के दौरान चीन ने जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालातों पर चिंता जताई। पाकिस्तान रेडियो ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीनी पक्ष ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र का सैन्य पर्यवेक्षक समूह जल्द एलओसी के हालातों के बारे में सुरक्षा परिषद को बताएगा
पाकिस्तान में फैल रही झूठी खबर पर भारत के विदेश मंत्रालय ने समाचार एजेंसी आइएएनएस को बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर के मसले पर किसी प्रकार की बैठक या अनौपचारिक बहस नहीं हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि फ्रांस ने इस प्रस्ताव को रोकने के लिए बीजिंग के अनुरोध पर वीटो का इस्तेमाल किया।
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में एक यूरोपीय राजनयिक अधिकारी के हवाले से बताया कि सुरक्षा परिषद में कश्मीर पर किसी भी प्रकार की गोपनीय चर्चा नहीं होगी क्योंकि चीन ने अपना अनुरोध वापस ले लिया है। एजेंसी ने एक अन्य राजनयिक सूत्र के हवाले से कहा है कि चीन और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई है कि वे अपने एजेंडे में कश्मीर मसले को शामिल नहीं करेंगे। मालूम हो कि दिसंबर में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता चीन और अमेरिका के पास है।
बता दें कि अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने पोलैंड को पत्र लिखकर सुरक्षा परिषद में गोपनीय डिस्कशन का अनुरोध किया था। पोलैंड अगस्त के महीने में परिषद का अध्यक्ष था। इसके बाद चीन ने सुरक्षा परिषद में अनौपचारिक बैठक की मांग की थी। हालांकि, 16 अगस्त को कश्मीर मसले पर हुई सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक बगैर किसी नतीजे के खत्म हो गई थी।