मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री और डबरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रविवार को प्रचार नहीं कर पाएंगी। निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश की मंत्री और उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में एक नवंबर को एक दिन के लिए राज्य में प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में शिकायत की थी कि इमरती देवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और उनके परिवार के प्रति अपशब्दों का उपयोग कर रही हैं। इस आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इस मामले में चुनाव आयोग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ है। यही वजह है कि निर्वाचन आयोग ने उक्त आदेश जारी किया है।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव के तहत मतदान होना है। इसके लिए प्रचार एक नवंबर यानी रविवार शाम को थम जाएगा। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में मिले सभी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इमरती देवी के मध्य प्रदेश में कहीं भी एक नवंबर को एक दिन के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा रहा है।
आदेश के मुताबिक, इमरती देवी पहली नवंबर को मध्य प्रदेश में कहीं भी किसी भी तरह की जनसभा, जुलूस, रैलियां, रोड शो में शामिल नहीं हो पाएंगी। यही नहीं इस दौरान वह मीडिया में साक्षात्कार या सार्वजनिक बयान भी नहीं जारी करेंगी। वहीं, कांग्रेस के स्टार प्रचारक आचार्य प्रमोद कृष्णन द्वारा 27 अक्टूबर को जौरा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी पर आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
बताया जाता है कि नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर जवाब नहीं मिलने पर आयोग आचार्य प्रमोद कृष्णन पर नियमानुसार कार्रवाई करेगा। मालूम हो कि इससे पहले निर्वाचन आयोग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर चुका है। बीते दिनों आयोग ने कमलनाथ को स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया था।
हालांकि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के उक्त आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के फैसले को अलोकतांत्रिक बताया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा था कि चुनाव प्रचार खत्म होने के ठीक दो दिन पहले निर्वाचन आयोग की ओर से कमल नाथ के स्टार कैंपेनर का दर्जा रद किया जाना अलोकतांत्रिक है। वहीं कमलनाथ ने कहा था कि यह मेरी आवाज को दबाने का प्रयास है।
बीते दिनों निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी कड़ी फटकार लगाई थी। आयोग ने विजयवर्गीय द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी (चुन्नू-मुन्नू) को आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन माना था। आयोग ने इसे लेकर विजयवर्गीय को सख्त चेतावनी दी थी। आयोग ने कहा था कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय की अभद्र टिप्पणी (‘चुन्नू-मुन्नू’) आचार संहिता का उल्लंघन है।
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