हम सभी स्वस्थ और स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं, लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी संभालती है। यह रक्त में मौजूद पानी और अनावश्यक पदार्थों को अलग करने का काम करती है। इसके अलावा शरीर में रासायनिक पदार्थों का संतुलन, रक्तचाप नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करती है। बदलती लाइफस्टाइल व काम के बढ़ते दबाव के कारण लोग जंकफूड व फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करने लगे हैं। इसी वजह से लोगों की खाने की प्लेट से स्वस्थ व पौष्टिक आहार गायब होते जा रहें हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 14 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में हम आपको किडनी संबंधित बीमारी, लक्षण और उससे जुड़े उपाय बताएंगे, जो जानना बेहद आवश्यक है।
हम सभी स्वस्थ और स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं, लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी संभालती है। यह रक्त में मौजूद पानी और अनावश्यक पदार्थों को अलग करने का काम करती है। इसके अलावा शरीर में रासायनिक पदार्थों का संतुलन, रक्तचाप नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करती है। बदलती लाइफस्टाइल व काम के बढ़ते दबाव के कारण लोग जंकफूड व फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करने लगे हैं। इसी वजह से लोगों की खाने की प्लेट से स्वस्थ व पौष्टिक आहार गायब होते जा रहें हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 14 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में हम आपको किडनी संबंधित बीमारी, लक्षण और उससे जुड़े उपाय बताएंगे, जो जानना बेहद आवश्यक है।
किडनी की बीमारी के बड़े कारण
हर साल किडनी की बीमारी के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। दरअसल किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं, जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान किया जाना बहुत जरूरी होता है। डायबिटीज जैसी बीमारियों, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं के कारण किडनी के ऊपर बुरा असर पड़ता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारण हैं।
किडनी की बीमारी के लक्षण
किडनी संबंधी बिमारियों से बचना है तो शुरूआती लक्षण के विषय में जानना जरुरी है। हाथों और पैरों में सूजन उत्पन्न हो जाती है।ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हड्डियों में दर्द होता है। कमजोरी, जी मिचलाना और उल्टी महसूस होती है।पाचन क्रिया में दिक्कत होती है। रोग के बढ़ जाने पर सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।अगर आपको भी इनमें से कोई लक्षण खुद महसूस हो तो बिना सोचे एक बार जांच जरूर कराएं।
किडनी की बीमारी के उपाय
अगर परेशानियां हैं तो उसके उपाय भी हैं। उसी तरह अगर बीमारी है तो उसके रोकथाम भी हैं जिसे अपनाकर आप संतुलन बना सकते है। किडनी संबंधित बीमारी के रोकथाम के लिए रोजाना दो से चार लीटर तक पानी चाहिए। साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन से किडनियों को शरीर से सोडियम, यूरिया और अन्य नुकसानदेह पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी अवस्था में प्रोटीन कम लें। प्रोटीन पनीर, दालों, फलियों, सोयाबीन और मांसाहारी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।विभिन्न खाद्य व पेय पदार्थों के जरिये शरीर में रोजाना 5 ग्राम (एक छोटी चम्मच) तक नमक पहुंचना चाहिए। इससे ज्यादा नमक न लें। खाने में अलग से नमक नहीं डालें।
धूम्रपान जानलेवा है ये बात तो सभी जानते है और ये किडनी में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है। धूम्रपान किडनी के कैंसर के खतरे को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। अपने रक्त चाप को कम करने के लिए डॉक्टर के परामर्श से दवा का सेवन करें।सप्ताह में कम से कम पांच बार जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे व्यायाम करें। योग विशेषज्ञों के अनुसार योगासन-प्राणायाम करें। हर 3 से 6 महीने में यूरीन टेस्ट करवाएं।