लखनऊ: अब से बस कुछ ही देर में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी समेत कई बड़े नेता बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत के सामने पेश होने वाले हैं। जहां उन पर बाबरी केस में आरोप तय होंगे। इन नेताओं पर बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश रचने, दो धर्मों के लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने, धार्मिक भावनाएं भड़काने व राष्ट्रीय एकता को तोड़ने का आरोप है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज कोर्ट जाने से पहले कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी। ये एक खुला आंदोलन था।
क्या है बाबरी मस्जिद विध्वंस का पूरा मामला
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद को गिराए जाने पर दो केस दर्ज किये गए थे। जिनमें एक केस ढांचा गिराए जाने के वक्त मौजूद अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ लखनऊ कोर्ट में और दूसरा केस बीजेपी नेताओं के खिलाफ रायबरेली कोर्ट में चल रहा है। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि इस मामले को 25 साल हो चुके हैं, इसलिए न्याय को ध्यान में रखते हुए हर दिन सुनवाई का आदेश दिया गया है।
रायबरेली की कोर्ट ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती समेत 13 बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के चार्जेज हटा दिए थे। जिसके खिलाफ हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। गौरतलब है कि इस मामले में 21 लोगों के खिलाफ साजिश के आरोप लगाए गए थे, जिनमें से 8 का निधन हो चुका है। जैसा कि कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को दो सालों में निपटाया जाएगा, अगर ऐसा होता है और अपराध सिद्ध होता है तो इन नेताओं को सजा भी हो सकती है।
इन नेताओं पर चलेगा केस
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, रामविलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय बंसल और बैकुंठलाल शर्मा प्रेम पर केस चलेगा। वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल हैं इस वजह से उनपर केस नहीं चलेगा। क्योंकि संविधान के मुताबिक पद पर होने की वजह से उनपर केस नहीं चलाया जा सकता। लेकिन, पद से हटने के बाद उन पर केस चल सकता है।