ईशान कोण वास्तु पुरुष का मस्तिष्क होता है अत: इस कोण के दोषों का निवारण करने से घर के वास्तु दोषों का अधिकांशत: निवारण हो जाता है। कुछ छोटे-छोटे उपायों से ईशान कोण के दोष को समाप्त किया जा सकता है। पूर्वी दिशा के दोष को भी इसी तरह से दूर किया जा सकता है। छोटे-छोटे उपाय ईशान और पूर्वी दिशा दोष से से राहत दिलाते हैं।
यदि ईशान क्षेत्र की उत्तरी या पूर्वी दीवार कटी हो तो उस कटे हुये भाग पर एक बड़ा शीशा लगाना चाहिए। इससे भवन का ईशान क्षेत्र प्रतीकात्मक रूप से बढ़ जाता है। यदि ईशान कोण कटा हो तो ईशान कोण की दीवार पर बृहस्पतिदेव, अपने गुरु या ब्रह्म का चित्र अवश्य लगाना चाहिए। साथ ही साधु-पुरुषों को बेसन से बनी बर्फी या लड्डू का प्रसाद बाँटना चाहिए। चीनी मिटी के पात्र में जल में फूलों की पखुड़िया डालकर रखी जा सकती हैं। इससे भी ईशान कोण का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। ईशान कोण की दीवार पर भोजन की तलाश में उड़ते हुए पक्षियों का चित्र लगाना चाहिए। इससे परिवार के आलसी सदस्य कर्मशील होने लगेंगे। ईशान कोण में विधि पूर्वक बृहस्पति यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। यदि पूर्व दिशा कटी हो तो पूर्व की दीवार पर एक बड़ा शीशा लगाना चाहिए। घर की पूर्व दिशा में सात घोड़ों पर सवार सूर्य देव का चित्र लगाने से भी यह दोष खत्म हो जाता है। सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र सात बार उच्चारण करके सूर्य भगवान को जल अर्पित करना चाहिए। यदि पूर्व दिशा में खिड़की न हो तो पूर्व दिशा में एक दीपक रोज जलाना चाहिए। पूर्व दिशा में लाल-पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। इससे दिशा दोष समाप्त होता है। पूर्व दिशा सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।