एनडीए में सीटों पर मचे घमासान का डायरेक्ट इफेक्ट सामने आ गया है. जेडीयू ने केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा को कन्फ्यूज्ड करार दिया तो बीजेपी ने भाषा की मर्यादा बनाए रखने की नसीहत दे दी. नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े सवाल को स्तरहीन सवाल बता कर टालने वाली बात कुशवाहा को ठीक उसी तरह चुभ गई है जैसे एक वक्त में पीएम नरेंद्र मोदी ने नीतीश के डीएनए पर सवाल उठा दिए थे. नीतीश ने उसे मुद्दा बना दिया था. पूरे चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने अपने डीएनए को बिहार की अस्मिता से जोड़ खूब भुनाया था.
अब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का फॉर्मूला नीतीश कुमार पर ही आजमा दिया है. दरअसल नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े सवाल को स्तरहीन सवाल बताकर टाल दिया. इस पर उपेन्द्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि क्या नीतीश कुमार ने मुझसे जुड़े सवाल को नीच स्तर का सवाल बताकर मुझे नीचा नहीं दिखाया. मुझे इस बात की बहुत पीड़ा है. वो चाहते से सवाल को दूसरे तरीके से टाल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसे शब्दों का चयन किया. कुशवाहा ने कहा कि मुझे नीच बताने वाले नीतीश कुमार अपना डीएनए बताएं. कुशवाहा अब इस मुद्दे के साथ आगे की राजनीति में जुट गए हैं.
वहीं अब नीतीश खुद तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने साफ कहा कि नीतीश के कहने के भाव को गलत तरीके से समझा गया. उपेन्द्र कुशवाहा कन्फ्यूज्ड हो गए हैं. मंडल ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार भाषा की मर्यादा जानते हैं. भाषा की मर्यादा कैसे स्थापित की जाती है ये मुख्यमंत्री को पता है और उन्होंने ये कर दिखाया है. उनके किसी कथनी पर कोई उंगली तो उठ नहीं सकता. नीतीश कुमार ने कुछ और कॉन्टेक्स्ट में कुछ बातें कही थीं.
वहीं बीजेपी उपेन्द्र कुशवाहा को भाषा की मर्यादा का पालन करने की नसीहत दे दी. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बहुत स्पष्ट है कि NDA में जो सीट बंटवारा होना है, वो सभी पार्टियों के प्रमुख नेता की बातचीत के बाद होगा. अभी तक जो वार्ता हुई है वो मीडिया से बीजेपी ने साफ तौर पर बता दिया गया है. मंगल पांडे ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी के बिहार प्रभारियों से मिलकर चर्चा की थी. संवाददाता सम्मेलन में बहुत स्पष्ट कर दिया था कि मैं एनडीए में हूं और रहूंगा. इस स्पष्टता के बाद अब कोई प्रश्न चिन्ह कम से कम नहीं होना चाहिए. कल के बयान के बारे में मैं समझता हूं कि हमारे जो गठबंधन दल के वरिष्ठ नेता हैं, आशा है कि मर्यादा का ध्यान रखते हुए शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए.
गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा, बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबर-बराबर सीटों के बंटवारे के एलान से नाराज हैं. यही वजह है कि अबतक सीटों की संख्या का एलान नहीं हो पा रहा है. उपेन्द्र कुशवाह के आक्रामक रुख से बात बिगड़ने के आसार हैं और सीट शेयरिंग लंबा खींच सकता है.