प्रदेश में इसी सप्ताहांत से शुरू होने वाली इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेशकों से करार का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में पर्यटन व उद्योग से संबंधित लगभग 6600 करोड़ के निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत पर्यटन क्षेत्र में 3600 करोड़ और उद्योग क्षेत्र में 3000 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव शामिल हैं।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि एमओयू के तहत होटल प्रोजेक्ट्स, टैंट सिटी, रोपवे, पर्यटन अवसंरचना विकास तथा हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र के विभिन्न प्रोजेक्ट शामिल हैं। वहीं, सचिवालय में ही मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विभिन्न प्रकार के उद्योगों की स्थापना के लिए 3000 करोड़ की निवेश योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य सरकार की ओर से निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल व पीएचडी चैंबर्स ऑफ कामर्स, उत्तराखंड हरिद्वार, हरिद्वार सिडकुल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन तथा भगवान इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से जुड़े उद्यमियों में हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उद्यमियों से अपेक्षा की कि वे मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में उद्योग लगाने को आगे आएं। इस दौरान मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार समेत कई उद्यमी भी शामिल थे। इन्वेस्टर्स समिट को सीएम एप से जोड़ा सरकार ने सात व आठ अक्टूबर को प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट को मुख्यमंत्री एप से जोड़ दिया है। इस एप के जरिये इन्वेस्टर्स समिट को लेकर अभी तक हुए रोड शो व करार के संबंध में भी जानकारी ली जा सकती है। इतना ही नहीं, इस एप के जरिये इन्वेस्टर्स समिट का सजीव प्रसारण भी किया जाएगा। इस एप को मोबाइल पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री करेंगे उत्तराखंड की ब्रांडिंग
उत्तराखंड के लिए यह दूसरा सुनहरा मौका होगा, जब बड़े उद्योग इस छोटे राज्य का रुख करेंगे। अहम बात ये है कि ये दोनों ही मौके केंद्र सरकार की बूते ही राज्य की झोली में गिरे हैं। इसे डबल इंजन का ही जोर कहा जाएगा कि सात अक्टूबर से दून में होने जा रहे दो दिनी इन्वेस्टर्स समिट में इस बार केंद्र सरकार की भागीदारी अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट का उद्घाटन करेंगे, वहीं केंद्रीय मंत्री राज्य में खंगाली जा रही पूंजी निवेश की संभावनाओं की ब्रांडिंग नामी उद्योगों और निवेशकों के सामने करेंगे।
राज्य विधानसभा चुनाव में जिस मोदी लहर के बूते भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई, उसे प्रधानमंत्री मोदी के डबल इंजन लगाने के लिए मांगे गए सहयोग पर जनता की मुहर के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है कि राज्य की जन अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार सजगता दिखा रही है। इन्वेस्टर्स समिट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की रुचि का ही नतीजा है कि देश और विदेश के उद्यमियों और पूंजी निवेशकों ने उत्तराखंड में अब तक हजारों करोड़ के पूंजी निवेश को लेकर राज्य सरकार के साथ एमओयू किए हैं।
यह आंकड़ा 70 हजार करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है। राज्य सरकार के लिए राहत ये भी है कि इन्वेस्टर्स समिट में केंद्र सिर्फ भागीदार ही नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार के मंत्री राज्य में पूंजी निवेश की ब्रांडिंग का जिम्मा खुद संभालेंगे। इसके लिए इन्वेस्टर्स समिट में होने वाले 12 सत्रों में कई केंद्रीय मंत्री बतौर मुख्य वक्ता शिरकत कर रहे हैं। खास बात ये भी है कि केंद्रीय मंत्रियों से संबंधित मंत्रालयों के सचिव व अन्य आला अधिकारी भी पूंजी निवेश को धरातल पर उतारने की कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में राज्य को सहयोग करेंगे। इन सत्रों की ब्रीफिंग का जिम्मा भी केंद्रीय मंत्रियों और उनके सचिवों को सौंपा गया है।
अब देखना ये होगा कि केंद्र सरकार की इस सक्रियता के बाद राज्य में कितना पूंजी निवेश जमीन पर आकार लेता है। पूंजी निवेशकों के इस जमावड़े के बहाने उत्तराखंड के पास भी पर्यटन प्रदेश के तौर पर ब्रांडिंग का मौका हाथ लगा है। प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि राज्य में पर्यटन का आधारभूत ढांचा खड़ा करने में उद्यमियों और निवेशकों का सहयोग लिया जाए।
उत्तराखंड को उद्योगों की पसंद बनाने के लिए इस बार के प्रयास किसी विशेष औद्योगिक पैकेज के बजाय केंद्र और राज्य की सरकारों की इच्छाशक्ति के भरोसे ज्यादा हैं। इससे पहले केंद्र सरकार के औद्योगिक पैकेज की मदद से ही उद्योगों को उत्तराखंड में पनाह मिल सकी थी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि इन्वेस्टर्स समिट के विभिन्न सत्रों में केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।