इटावा: यात्रियों ने बताया भगदड़ के बीच कैसे बचे

इटावा जिले के फ्रेंड्स कॉलोनी थाना इलाके में मैनपुरी आउटर फाटक के पास दिल्ली से सहरसा जा रही वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 कोच में भीषण आग लगने से घायल लोगों ने आग लगने के बाद का मंजर बताया। वहीं, गुरुवार को हादसे में घायल लोगों का हालचाल लेने डीएम अवनीश राय और एसएसपी संजय कुमार वर्मा सैफई मेडिकल कॉलेज पहुंचे।

बिहार के जिला गोपालगंज के गांव किथपुरा निवासी अच्छेनंद प्रसाद ने बताया कि वह दिल्ली में नौकरी करता है। वह अपनी पुत्री ज्योति, धनपति, गायत्री, नाती अनुज के साथ घर पर छठ पूजा में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस दौरान ट्रेन में अचानक आग लगी। 

उस समय तीनों पुत्रियां व नाती सो रहे थे। जैसे ही ट्रेन में आग लगी और धुआं छाने लगा आनन फानन बच्चों को जगाया और इमरजेंसी खिड़की से कूद गया। इस दौरान बच्चों और हमारे चोट लग गईं।

बिहार के जिला शिपुल के थाना वल्लाहा के गांव सिल्टू निवासी मो. मसरुद्दीन ने बताया रात के समय सभी लोग सो रहे थे। इसी दौरान अचानक शोरगुल होना शुरू हो गया। जब हम जागे तो देखा कि चारों तरफ चीख-पुकार मची थी। हमने जैसे-तैसे इमरजेंसी खिड़की से कूद करकर जान बचाई। 

इसकी वजह से सिर में चोट आ गई। वह दिल्ली से अपने घर पर जा रहा था। गोंडा के धानीपुर कर्ममणि निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी लक्ष्मी और पुत्र रोहन, गौरव के साथ दिल्ली में रहते हैं। हमारे बड़े भाई के पुत्र की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसके अंतिम दर्शन में शामिल होने के लिए घर पर जा रहे थे।

अचानक से ट्रेन में आग लगी। जैसे तैसे हम अपने बच्चे व पत्नी को लेकर के नीचे उतर रहे थे। इस दौरान पीछे से धक्का-मुक्की हुई, जिससे हम लोग घायल हो गए। बिहार के जिला मघपुरा के मोहला गिधा वार्ड नंबर चार निवासी मो. असरुदुद्दीन ने बताया कि वह दिल्ली से अपने घर पर जा रहा था। क्योंकि उसकी पत्नी की तबीयत खराब थी। 

आग लगने की सूचना लगते ही भगदड़ मच गई। धुएं की वह से दम घुटने लगा। लगा कि अब शायद नहीं बचेंगे। किसी तरह लोगों की मदद से निकालकर अस्पताल लाए गए।

वैशाली एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से आठ झुलसे
आपको बता दें कि नई दिल्ली-हावड़ा रेल ट्रैक पर इटावा में करीब नौ घंटों के अंतराल में ट्रेन में आग लगने की दूसरी घटना हो गई। नई दिल्ली से बिहार जा रही वैशाली एक्सप्रेस के एस-6 कोच में बुधवार रात करीब दो बजे आग लग गई। रात होने की वजह से यात्री कुछ समझ नहीं सके और भगदड़ मच गई। हादसे में आठ यात्री झुलस गए। 

13 यात्रियों को दम घुटने और गिरकर चुटहिल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। कूड़ेदान में ज्वलनशील पदार्थ डालने से आग लगने की आशंका अधिकारियों ने जताई है। बुधवार शाम नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस के चार कोचों में सराय भूपत स्टेशन के पास आग लग गई थी।

इटावा जंक्शन स्टेशन से करीब दो किलोमीटर पहले अड्डा जालिम व शिवा कॉलोनी के बीच खंभा नंबर 1158/08 के पास बुधवार रात करीब 2:12 बजे ओएचई की कनेक्टिविटी बंद होने से दिल्ली से सहरसा जा रही वैशाली एक्सप्रेस रुक गई। ट्रेन रुकते ही एस-6 कोच में अचानक आग धधकने लगी। यह देखकर भगदड़ मच गई। यात्रियों ने कूदकर किसी तरह जान बचाई। सो रहे कुछ लोगों को बाहर निकालने में देरी हुई। इससे आग की चपेट में आकर आठ लोग झुलस गए।

वहीं, धुएं की वजह से दम घुटने और भगदड़ के बीच गिरने से 13 लोगों की हालत बिगड़ गई। आग देखकर जीआरपी के एस्कार्ट ने क्षेत्रीय लोगों की मदद से घरों में लगे सबमर्सिबल चलवाकर आग को फैलने से बचाया।

दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया

सूचना पर एसपी देहात सतपाल सिंह फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस वाहनों के साथ मौके पर पहुंचे। धधक रही आग को दमकल टीम ने बुझाया। फिर झुलसे लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जबकि सांस लेने में दिक्कत होने वाले और गिरकर चुटहिल हुए लोगों को सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। वहीं, सभी यात्रियों को अन्य कोचों में शिफ्ट कराकर 06:14 बजे ट्रेन को रवाना कर दिया गया।

हादसे के लगभग सवा घंटे बाद गुरुवार सुबह 3:37 बजे जले कोच को अलग करके ट्रेन जंक्शन स्टेशन पर लाई गई। वैशाली एक्सप्रेस के जले कोच को क्लोन एक्सप्रेस के जले कोचों के साथ एक अलग इंजन से जंक्शन स्टेशन की लूप लाइन पर लाकर खड़ा कर दिया गया।

ज्वलनशील पदार्थ से आग लगने की आशंका

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती झुलसे यात्रियों का गुरुवार सुबह आठ बजे जीआरपी आगरा के पुलिस अधीक्षक अमित जांग्गे और तहसीलदार सदर जयप्रकाश सिंह ने हालचाल लिए। वहीं सैफई में भर्ती मरीजों का हालचाल डीएम और एसएसपी ने लिया। अफसरों के अनुसार, प्रथमदृष्ट्या कूड़ेदान में कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंकने से आग लगने की बात सामने आ रही है।

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